देहरादून: महंत इंदिरेश अस्पताल में प्रसव के उपरांत जुड़वा बच्चों की मौत के बाद बिहार निवासी दंपति नवजातों के शव छोड़कर रातोंरात ट्रेन से बिहार रवाना हो गया। पिछले नौ दिन से नवजातोें के शव लावारिस में अस्पताल के शव गृह में रखे हुए हैं।
अस्पताल प्रबंधन ने इनके अंतिम संस्कार के लिए चार दिन पहले जिला प्रशासन को पत्र भेजा है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। श्री महंत इंदिरेश अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक नीतू नाम की गर्भवती को 12 अक्तूबर को अस्पताल में भर्ती किया गया था।
22 अक्तूबर को उसने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया, लेकिन जन्म देने के साथ ही दोनों बच्चों की मौत हो गई। उसके बाद पति-पत्नी मृत नवजातों को लावारिस में छोड़कर बिना किसी को बताए अस्पताल से गायब हो गए। कर्मचारियों ने अपने स्तर से प्रसूता की खोजबीन की, लेकिन कहीं पता नहीं चला।
उसके बाद प्रसूता की फाइल में दर्ज मोबाइल नंबरों पर कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई। इससे परेशान होकर कर्मचारियों ने नवजातों के शव अस्पताल की शवगृह में रखवाए।
अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि प्रसूता नीतू बिहार की रहने वाली है और वह परिजनों संग अपने घर पहुंच गई है। तब से प्रबंधन के सामने मुसीबत यह हो रही है कि वह अपने स्तर से शव का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे हैं।
अस्पताल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि गाइडलाइन के मुताबिक प्रबंधन अपने स्तर पर अंतिम संस्कार नहीं कर सकता। इसके लिए प्रशासन को अवगत करा दिया है। अमर उजाला