लखनऊ: मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने ‘उदय’ योजना को प्रदेश में लागू किए जाने के सम्बन्ध में राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार के बीच हस्ताक्षरित
त्रिपक्षीय अनुबंध का स्वागत करते हुए आज के दिन को ऊर्जा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार एक साथ एक लक्ष्य के लिए प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर रहे हैं और वह लक्ष्य है-देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की जनता को 24 घण्टे की विद्युत आपूर्ति।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार ने प्रदेश की विद्युत वितरण कम्पनियों के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित नई वित्तीय पुनर्गठन योजना ‘उदय’ (उज्ज्वल डिस्काॅम एश्योरेन्स योजना) को लागू करने का निर्णय लिया था। योजना को प्रदेश में लागू करने के लिए आज नई दिल्ली में त्रिपक्षीय अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया। प्रदेश सरकार की ओर से प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय अग्रवाल ने, केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में, अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
श्री यादव ने कहा कि राज्य में 24 घण्टे की विद्युत आपूर्ति किए जाने की दिशा में समाजवादी सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने खुशी जाहिर की कि इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार भी हमारे साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि ‘उदय’ योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार को, अपने सीमित वित्तीय संसाधनों के बावजूद, वितरण कम्पनियों के 50 हजार करोड़ रुपए के बकाया ऋणों का 75 प्रतिशत वहन करना होगा। प्रदेश की जनता के हित को देखते हुए राज्य सरकार ने इसे स्वीकृति प्रदान की, जिसके क्रम में यह त्रिपक्षीय अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले लगभग 4 साल के दौरान प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किये गए हैं। राज्य सरकार का संकल्प है कि माह अक्टूबर 2016 से ग्रामीण इलाकों में कम से कम 16 घण्टे एवं शहरी क्षेत्रों को 22 से 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति प्राप्त हो। इस सन्दर्भ में प्रदेश सरकार एवं वितरण कम्पनियों द्वारा लगभग 11,000 मेगावाट की वर्तमान विद्युत उपलब्धता को अक्टूबर 2016 तक बढ़ाकर लगभग 17,500 मेगावाट करने के लिए सभी प्रबन्ध कर लिए गये हंै। यहीं नहीं, बढ़ी हुई उपलब्ध बिजली को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए पारेषण एवं वितरण तंत्र के विकास एवं सुदृढीकरण की भी सभी योजनाएं बना ली गयी हंै।
श्री यादव ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में पारेषण क्षेत्र में 35 नये उपकेन्द्रों का निर्माण पूरा करके उन्हें ऊर्जीकृत किया गया है, जबकि इससे पूर्व वर्ष 2007 से 2012 की अवधि में प्रतिवर्ष 17 उपकेन्द्रों का निर्माण पूर्ण किया गया था। अगले 2 साल में पारेषण से सम्बन्धित 120 उपकेन्द्रों के ऊर्जीकरण का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने वर्ष 2014-15 में ऊर्जा विभाग के बजट में रिकार्ड वृद्धि की है। वर्ष 2011-12 में ऊर्जा विभाग का कुल बजट 8933 करोड़ रुपए था, जिसे वर्ष 2014-15 में बढ़ाकर 28,666 करोड़ रुपए कर दिया गया है। प्रदेश के इतिहास में ऊर्जा विभाग के लिए इतनी बड़ी धनराशि का प्राविधान कभी नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक गांव एवं मजरे में बिजली की सुविधा उपलब्ध कराना राज्य सरकार का लक्ष्य है। योजना पर कार्य प्रारम्भ भी हो गया है तथा जुलाई, 2016 तक एक लाख गांवों एवं मजरों का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कराना लक्षित है। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे सहयेाग के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपनी ओर से ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति के लिए सभी वांछित कदम तेजी से उठा रही है।