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श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने हाल में विनिर्मित माल गाड़ी की सौर ऊर्जा से चलने वाली गार्ड वैन का किया निरीक्षण और दिखाई हरी झंडी

देश-विदेश

नई दिल्ली: रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने मालगाड़ी के हाल में बनी गार्ड वैन का आज 5 अक्टूबर 2016 को दिल्ली सफदरगंज रेलवे स्टेशन पर निरीक्षण किया और उसे हरी झंडी दिखाई। मालगाड़ी की इस गार्ड वैन (8 पहिये) पहली बार सौर ऊर्जा, पंखा, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट के साथ जीरो डिसचार्ज जैविक शौचालय से युक्त है। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड में सदस्य (सदस्य, रोलिंग स्टॉक) श्री हेमंत कुमार, रेलवे बोर्ड के ही सदस्य (यातायात) श्री मोहम्मद जमशेद, वित्त आयुक्त रेलवे श्री के वी नंदा भी मौजूद रहे।

इस अवसर पर श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि इन सुविधाओं से गार्डों के लिए काम के हालात और कामकाज में सुधार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सोलर पैनल के माध्यम से चलने वाले पंखों और लाइट्स से रेलवे में कार्बन की कमी लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल इस तरह की अन्य पहल पर काम करती रहेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल हमेशा ही अपने कर्मचारियों और ग्राहकों को अच्छा माहौल देने को ध्यान में रखती है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा का इस्तेमाल भी पर्यावरण के हित में है और इससे ऊर्जा की बचत में मदद मिलेगी। श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारतीय रेल पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलने वाली ट्रेन चलाने की योजना पर भी काम कर रही है।

मालगाड़ियों के गार्ड लाइट और पंखे जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में बेहद मुश्किल हालात में काम करते रहे हैं, जिससे गर्मियों और रात में खासी समस्या होती है। भारतीय रेल ने अब ब्रेक वैन्स में लाइट और पंखे की सुविधा उपलब्ध कराकर इन कमियों को दूर करने का प्रयास किया, जो मालगाड़ियों के गार्डों के लिए एक सपने के समान था।

गार्ड वैन्स (जिन्हें 8 पहिये वाली ब्रेक वैन्स जेड-फ्रेम इम्प्रूव्ड बीवीजेडआई) को आईआरओएफ द्वारा अमृतसर वर्कशॉप ऑफ नॉदर्न रेलवे की मदद से बदला गया है, जिसे एक पंखा और लाइट उपलब्ध कराई गई है और यह छत पर पैदा होने वाली सौर ऊर्जा से चलते हैं। इस प्रकार गार्ड के आराम के लिए उपलब्ध बिजली पर्यावरण के अनुकूल है, क्योंकि इससे किसी तरह का उत्सर्जन या प्रदूषण नहीं होता है। सौर ऊर्जा को एक बैटरी बैंक का समर्थन हासिल है, जो बारिश के दिन में भी लगातार 24 घंटे तक ब्रेक वैन को बिजली की आपूर्ति कर सकती है। इस प्रकार इससे गार्ड को बिना किसी बाधा के सभी बुनियादी सुविधाएं मिलने का अनुमान है।

सिस्टम को जीपीआरएस की सुविधा हासिल है, जिससे इससे कामकाज की पूरी निगरानी संभव होगी और इससे जरूरी रखरखाव के लिए इनपुट उपलब्ध कराना व सेवाएं निर्बाध जारी रखना संभव होगा।

देश की ‘स्वच्छ भारत’ की प्रतिबद्धता के क्रम में गार्ड के शौचालय को जीरो डिसचार्ज जैविक शौचालय में बदल दिया गया है। जैव शौचालय की डिजाइन इस तरह की है कि इससे पटरियों पर किसी तरह का मैला नहीं फैले। इससे रेलवे परिसरों के आसपास सफाई रखना आसान हो जाएगा।

पर्यावरण अनुकूल गार्ड वैगन्स की तकनीक विशेषताएं (8 पहिये वाले)

(सौर ऊर्जा से चलने वाली लाइट, पंखे और चार्जिंग सुविधा के साथ जीरो डिसचार्ज जैविक शौचालय)

क. सौर पीवी मॉड्यूल्स

-सौर पीवी मॉड्यूल्स (पॉलीक्रिस्टलीन) की संख्या – 4

-फिजिसकल डाइमेंशियंस                      -1151 मिमी x 666 मिमी x 35 मिमी

-हर मॉड्यूल का पावर आउटपुट @ 100 डब्ल्यूपी    –     400 डब्ल्यूपी

-रेटेड वोल्टेज       – 17.7 वी

-प्रति दिन औसत ऊर्जा उत्पादन    – 1.2 केडब्ल्यूएच

-एलईडी लाइट वाटेज             -10 वाट

-फैन वाटेज               -32 वाट

-चार्जिंग प्वाइंट वाटेज      – 10 वाट

-पीक इलेक्ट्रिक लोड ऑफ बीवीजेडआई वैगन- 52 वाट

-बिजली की उपलब्धता के घंटों की संख्या  – 24 घंटे

(एक बार चार्ज करने पर)

ख. बैटरी बैंक

-बैटरी का प्रकार           – वन सील्ड रखरखाव से मुक्त (एसएमएफ)

-रेटेड क्षमता              – 100 एएच, 12 वी

ग. पर्यावरण अनुकूल जैविक शौचालय व्यवस्था

-डिसचार्ज मुक्त पर्यावरण अनुकूल जैविक शौचालय

-ठोस मैले के बैक्टीरिया नष्ट करना

-पेयजल व्यवस्था का प्रावधान

 घ. अन्य विशेषताएं

– डाटा लॉजर के माध्यम से डाटा रिकॉर्डिंग

-जीपीआरएस प्रणाली के माध्यम से प्रदर्शन की निगरानी

-सर्जिंग से सुरक्षा

-चार्ज कंट्रोलर के माध्यम से ऑटो लो वोल्टेज कट ऑफ और जगाने की व्यवस्था

-चोरी से बचने के लिए किए गए उपाय

चित्र परिचय-सौर लाइट और पंखे के साथ जीरो डिसचार्ज जैविक शौचालय से युक्त गार्ड वैन (8 व्हील्ड)

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