19.5 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

राज्य को अतिरिक्त 1423 करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति मिली

देश-विदेशव्यापार

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा पॉवर सेक्टर (बिजली क्षेत्र) में सुधारों के लिए बनाए गए मानदंडों को लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। इसके तहत राज्य ने दिसंबर 2020 से राज्य के एक जिले में किसानों को बिजली के तहत मिलने वाली सब्सिडी को सीधे बैंक खाते (डीबीटी के जरिए) में देनी शुरू कर दी है। इस प्रकारराज्य ने पॉवर सेक्टर के लिए निर्धारित तीन सुधारों में से एक को सफलतापूर्वक लागू कर दिया है।

सुधार को सफलतापूर्वक लागू करने से मध्य प्रदेश को अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.15 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त वित्तीय पूंजी जुटाने की पात्रता मिल हई है। इसके तहत व्यय विभाग ने राज्य को खुले बाजार से 1423 करोड़ रुपये कर्ज लेने की अनुमति दे दी है। यह राशि राज्य को कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए जरूरी कदम उठाने में मदद देगी।

वित्त मंत्रालय की पॉवर सेक्टर में सुधारों के जरिए कोशिश है कि किसानों को बिना किसी अड़चन के न केवल बिजली सब्सिडी की राशि मिल सके बल्कि भ्रष्टाचार को भी रोका जा सके। इसके अलावा इन कदमों के जरिए यह भी कोशिश है कि विद्युत वितरण कंपनियों की बैलेंसशीट को भी सुधारा जा सके। जिससे उनको नकदी की समस्या भी धीरे-धीरे खत्म की जा सके।

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार,बिजली क्षेत्र में सुधार करने वाले राज्यों को जीएसडीपी के 0.25 फीसदी के बराबर तक अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने की अनुमति मिलती है। जिसके लिए उन्हें इन 3 सुधारों को लागू करना होगा।

  1. तय लक्ष्यों के अनुसार राज्य को जीएसडीपी के 0.05 फीसदी के बराबर कुल तकनीकी और वाणिज्यिक ह्रास (टेक्निकल एंड कॉमर्शियल लॉस) को लाना होगा।
  2. इसके अलावा औसत बिजली आपूर्ति लागत और औसत कमाई (रेवेन्यू रियलाइजेशन) के अंतर को जीएसडीपी के 0.05 फीसदीके बराबरलाना होगा।
  3. और अंत में जीएसडीपी के 0.15 फीसदी राशि के बराबर राशि, राज्य के सभी किसानों को मिलने वाली बिजली सब्सिडी उनके खाते में सीधे (डीबीटी के जरिए) पहुंचाई जाय। इसके लिए राज्य को एक योजना बनानी होगी। जिसके तहत कम से कम एक जिले को 31 दिसंबर 2020 तक इस योजना से जोड़ना होगा।

इसके तहत मध्य प्रदेश ने राज्य में कृषि उपभोक्ताओं के लिए एक डीबीटी योजना तैयार की है। इस योजना को राज्य के विदिशा जिले में लागू किया गया है।जहां एम.पी.मध्यम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के माध्यम से बिजली दी जाती है। यहां पर योजना को दिसंबर, 2020 से लागू कर दिया गया है।योजना के तहत दिसंबर, 2020 तक 60,081 लाभार्थियों के बैंक खातों में 32.07 करोड़ रुपये डीबीटी के जरिए भेजे गए। इसके अलावाराज्य ने झाबुआ और सिवनी जिलों में भी डीबीटीयोजना को लागू करने के लिए एक प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले चरणमें 3 जिलों में योजना के लागू होने के बाद, उससे मिले अनुभव के आधार पर,योजना को वित्त वर्ष 2021-22 में पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।

भारत सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए 17 मई 2020 को यह फैसला किया था कि राज्य जीएसडीपी के 2 फीसदी के बराबर उधारी ले सकेंगे। इसके तहत आधी पूंजी जुटाने की सुविधा, राज्य द्वारा नागरिकों की सुविधा के लिए उठाए गए सुधारों से जुड़ी होगी। इसके अलावा राज्यों को अतिरिक्त रूप से जीएसडीपी के 0.25 फीसदी के बराबर राशिजुटाने की सुविधा मिलेगी।, जो कि प्रत्येक सेक्टर में किए सुधारों को लागू करने की वजह से मिलेगी।

राज्यों को प्रमुख रूप से नागरिकों के लिए 4 सुधारों को लागू करना होगा।एक राष्ट्र एक राशन कार्ड व्यवस्था (ख) ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधार लागू करना (ग) शहरी निकाय/आधारभूत (जरूरी) सुविधाओं में सुधार (घ) उर्जा क्षेत्र में सुधार

अब तक 14 राज्यों ने तय किए गए चार सुधारों में से कम से एक सुधार को अपने राज्य में लागू कर दिया है। इसके तहत 11 राज्योंएक राष्ट्र एक राशन कार्ड व्यवस्था लागू कर दी है। इसी तरह 8 राज्यों ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों को और 4 राज्यों ने स्थानीय निकाय सुधारों को लागू किया। और मध्य प्रदेश में पॉवर सेक्टर सुधारों को लागू किया है।इसके तहत, जिन राज्यों ने सुधारों को लागू किया है उन्हें 62,762 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी जुटाने की अनुमति मिली है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More