लखनऊ: प्रदेश सरकार राज्य के सुनियोजित विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है। इसके दृष्टिगत शासन का विकास एजेण्डा वर्ष 2015-16 निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देशों के क्रम में विभिन्न विभागों के 75 प्रतिशत से अधिक भौतिक प्रगति प्राप्त अवस्थापनाओं की ई-अनुश्रवण करते हुए पूर्ण किया जाना तथा इन सभी पूर्व निर्मित भौतिक अवस्थापनाओं को जनोपयोगी बनाया जाना शासन की प्राथमिकताओं में शामिल है।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि विकास एजेण्डा से सम्बन्धित नवीनतम जानकारियां ‘ई-परियोजना प्रबन्धन’ की वेबसाइट पर उपलब्ध कराने के निर्देश सभी प्रमुख सचिव/सचिव सहित एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रमुखों को दिए गए हैं। नवीन स्वीकृत तथा समस्त निर्माणाधीन अवस्थापनाओं के अवशेष कार्याें की जानकारी भी माइलस्टोन सम्बन्धित कार्यदायी संस्थाओं के साथ अंतिम रूप से निर्धारित करते हुए शीघ्र ‘ई-परियोजना प्रबन्धन’ के पोर्टल पर अपलोड कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
शासन द्वारा यह निर्देश भी दिए गए हैं कि विकास एजेण्डा वर्ष 2015-16 से सम्बन्धित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप विभागों द्वारा कार्याें में रुचि ली जाए। साथ ही, समीक्षा बैठकों में नोडल अधिकारी द्वारा ही प्रतिभाग किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, विभिन्न प्रशासकीय विभागों/कार्यदायी संस्थाओं से नोडल अधिकारी भी नामित किए जाए।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता प्रदत्त विकास एजेण्डा से संबंधित कार्याें की समीक्षा के लिए सम्बन्धित विभाग के नोडल अधिकारी नामित करते हुए (नाम, पदनाम, मोबाइल नम्बर एवं ई-मेल आदि) नियोजन विभाग को उपलब्ध कराए जाएं।