लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को उनके भरण-पोषण, शिक्षा चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश में ‘‘उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना‘‘ प्रारम्भ की है।ं 0 से 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे बच्चे जिनके माता या पिता अथवा दोनों की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से हो गई हो। ऐसे बच्चों को रू0-4000/- प्रति माह की सहायता दी जा रही है। ऐसे बच्चे जो पूर्णतया अनाथ हो गए हों एवं बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के अन्तर्गत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराया जा रहा है। 11 से18 वर्ष तक की आयु के बच्चों की शिक्षा-12 तक की निःशुल्क शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जा रहा है। प्रदेश सरकार अनाथ हुई बालिकाओं के शादी योग्य होने पर शादी हेतु रू0-101000/-(एक लाख एक हजार) की राशि उपलब्ध करा रही है। साथ ही उपरोक्त श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले कक्षा-9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को टेबलेट/लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध करा रही है।
जनपद स्तर पर ऐसे बच्चों को लाभ दिलाने हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों के अभिभावकों से सम्पर्क कर आवेदन पत्र भराए जा रहे हैं प्रदेश में अब तक 287 ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों की तथा 4512 ऐसे बच्चे जिनके माता या पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड से हुयी है, पाये गये है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने कुल 4350 बच्चों को प्रथम 03 माह की अग्रिम धनराशि (कुल रू0-12000/-प्रति बच्चा)सम्बन्धित के खाते में प्रेषित किया है।
प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के कारण माता-पिता दोनों या किसी एक अथवा अभिभावक को खोने वालेे बच्चों के साथ ही अब उन बच्चों को भी हरसंभव मदद पहुॅचाने की प्रयास किया गया है। जिन्होंने कोविड से इतर कारणों से कोरोना काल में अपनों को खोेया है। सरकार द्वारा जुलाई 2021 में ‘‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य)‘‘ शुरू की गई है। इस योजना का लाभ जल्द से जल्द बच्चों व किशोरांे को प्रदान किये जाने को लेकर समस्त जिलाधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। योजना के अन्तर्गत 18 साल से कम उम्र के ऐसे बच्चे जिन्होेंने कोरोना से इतर कारणों से पहली मार्च 2020 के बाद माता-पिता दोनों या किसी एक को अथवा अभिभावक को खोया है, उनको प्रतिमाह 2500 रूपये की मदद पहुॅचाई जायेगी।
कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुयी महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक सुरक्षा, संरक्षण व उन्नयन प्रदान किये जाने हेतु प्रदेश में अभियान चलाया जा रहा है। कोविड-19 महामारी के दौरान बहुत से ऐसी महिलायें हैं जिन्होंने अपने पिता/माता/पति/पुत्र/पुत्री/संरक्षक के रूप में प्रियजनों को खोया है या वे एकल हैं और उनकी आजीविका प्रभावित हुई है तथा वर्तमान परिस्थितियों में उनके विभिन्न प्रकार के जोखिमों यथा उत्तरजीविता, घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, भेदभाव, दुर्व्यवहार के साथ-साथ मानव तस्करी में पड़ने की तीव्र संभावनायें है। ऐसी सभी महिलाओं को उनके संरक्षण तथा उन्नयन हेतु आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़े जाने के साथ-साथ जीवन यापन हेतु नवीन अवसर प्रदान किये जाने के लिये व्यापक स्तर पर कार्य किये जा रहे है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में प्रदेश में विभिन्न विभागों के समवन्य से एक व्यापक अभियान संचालित किया जा रहा है।
कोविड-19 महामारी के दौरान अपने पिता/पति/संरक्षक को खोने वाली महिलाओं को जोखिम भरी परिस्थितियों से संरक्षण प्रदान करना, प्रभावित महिलाओं को सामाजिक एवं आर्थिक उन्नयन हेतु प्रदेश में संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाना तथा ऐसी महिलाओं को जीवन यापन हेतु विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं तथा कार्यक्रमों में रोजगार के नवीन अवसर प्रदान किया जाना इस अभियान का मुख्य लक्ष्य है।