लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रदेश सरकार कोविड-19 के मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्घ करा रही है। उन्होंने कहा कि यदि हम कोरोना से दस कदम आगे चलकर कार्य करें तभी उस पर विजय प्राप्त की जा सकती है। संक्रमण को हर हाल में रोकना होगा। उन्होंने डोर-टू-डोर सर्वे और काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग पर जोर देते हुए कहा कि कोरोना के टेस्ट की संख्या को भी बढ़ाया जाना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने आज बरेली मंडलायुक्त कार्यालय के सभागार में आहूत एक बैठक में कोविड-19 के सम्बन्ध में बरेली मण्डल में किए गए चिकित्सा उपायों तथा इससे जुड़े प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वयं का बचाव और दूसरों का बचाव करके ही इस जानलेवा बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बरेली के 300 बेड के अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल का स्वरूप दिया जाना समय की आवश्यकता है। उन्होंने बरेली कलेक्टेªट स्थित कोरोना कंट्रोल रूम की तर्ज पर ही मंडल के अन्य जनपदों को भी अपने यहां नियंत्रण कक्ष को अपग्रेड करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए काॅन्टैक्ट टेªसिंग पर बहुत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। सर्वे कर के सभी का एंटीजेन टेस्ट कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय पर मरीज को एम्बुलेंस मिले और अस्पताल में उसकी समय से देख रेख हो, इसे सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि बरेली मंडल में कोरोना से बचाव के कार्य अच्छी तरह से किए जा रहे हैं। सर्विलांस जितना सशक्त होगा, कोरोना को रोकना उतना ही आसान होगा और यह कार्य इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से किया जा सकता है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रिस्पांस टाइम को कम करना भी प्राथमिकता होनी चाहिए।
मण्डल के बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं और पीलीभीत जनपदों में कोविड से बचाव के लिए किए गए उपायों से सम्बंधित प्रेजेंटेशन का अवलोकन करने के पश्चात मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अस्पताल के कर्मचारियों को अधिक से अधिक प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। साथ ही, नियमित अनुश्रवण भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों के साथ चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए मास्क, ग्लव्स या पी0पी0ई0 किट आदि की कमी नहीं है। कोविड-19 के मरीजों को जो दवाइयां दी जा रही हैं, उनकी उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन की स्थिति में यह जरूर देखा जाए कि मरीज के लिए अलग बेड रूम और पृथक टाॅयलेट है या नहीं। अलग से बेडरूम और टाॅयलेट नहीं होने पर होम आइसोलेशन की सुविधा अनुमन्य नहीं है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर यदि निजी अस्पतालों की सेवाएं प्राप्त करना उचित प्रतीत होता है, तो उसके लिए आवश्यक है कि इसका पूरा ब्यौरा जिला प्रशासन तत्काल जुटाए। इस कार्य के लिए एक अतिरिक्त उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ड्यूटी लगाई जाए कि वह आई0एम0ए0 आदि संस्थाओं से सम्पर्क करे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एल-2 कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में कम से कम 48 घंटे के आॅक्सीजन बैक अप की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने मंडल के सभी जिलाधिकारियों से कहा कि वे अपने अपने जिले के जिला अस्पताल, कोविड अस्पताल, पीएचसी आदि पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था करें और लगातार कोरोना के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध कराते रहें। मास्क पहनने की अनिवार्यता और सोशल डिस्टेंसिंग आदि के लिए भी इसी प्रकार लगातार सूचना प्रसारित की जाए। उन्होंने कहा कि यही कार्य पुलिस प्रशासन भी करे। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक शनिवार और रविवार को होने वाले विशेष स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन अभियान में जन प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
कोविड-19 की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री जी ने श्रमिकों/कामगारों के सम्बंध में कहा कि उनकी सूची तैयार कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जाए। साथ ही, उन्होंने खाद्यान्न वितरण की पारदर्शी व्यवस्था पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए जहां आवश्यक हो नोडल अधिकारी तैनात करें। उन्होंने किसानों को यूरिया की उपलब्धता भी सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यूरिया की कोई कमी नहीं है।
बैठक में प्रदेश के वित्त, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना सहित जनपद के समस्त विधायक गण भी उपस्थित थे। बैठक के आरम्भ में बरेली मंडलायुक्त श्री रणवीर प्रसाद ने मुख्यमंत्री जी को मण्डल में कोविड-19 के सम्बन्ध में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इसके बाद जनपदवार जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जनपद में कोविड से बचाव के कार्यों का प्रजेंटेशन किया। बरेली के जिलाधिकारी श्री नितीश कुमार के अलावा शाहजहांपुर, बदायूं, पीलीभीत के जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।