व्यक्ति अपने जीवन को गतिमान एवं विकसित बनाये रखने के लिए मूलभूत आवश्यकताओं शिक्षा, स्वास्थ्य, आवागमन के साधन, सड़क, आवास जल की उपलब्धता आवश्यक खाद्यान्न, रोजगार आदि संसाधनों की सुविधा पर बल देता है। इन आवश्यकताओं में चिकित्सा सुविधा भी उतनी ही आवश्यक है जितनी अन्य मूलभूत आवश्यकताएं। वर्तमान समय की जीवनशैली एवं पर्यावरणीय प्रदूषण के कारण हर आयु वर्ग को स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओ का सामना करना पडता है। प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार ने न केवल शहरी अपितु ग्रामीण स्तर तक अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही है। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सरकार द्वारा चलायी जा रही हर योजना के लाभ को पहुंचाने के लिए अपने संकल्प के प्रति दृढ़ है। इसी दिशा में जहां एक ओर स्वास्थ्य सुविधाएं निरन्तर बेहतर की जा रही हैं वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को शुद्ध करने के उद्देश्य के लिए प्रदेश भर में 22 करोड़ पौधो का रोपण करने का लक्ष्य भी रखा जिसके सापेक्ष 22 करोड़ 59 लाख पौधों का रोपण कर प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी वहन किया है।
प्रदेश सरकार ने प्रदेश वासियों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने क लिए अनेक प्रकार की योजनाएं एवं कार्यक्रम संचालित किये हंै, जिनमें दवाइयों की उपलब्धता के साथ ही अस्पतालों की गुणवत्ता में सुधार करना भी शामिल है, मरीजों को समुचित इलाज मुहैया कराने एवं उनको होने वाली असुविधा को दूर करने के उद्देश्य से सभी जनपद स्तरीय अस्पतालों में हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है, जहां कार्यरत कर्मचारियों द्वारा चिकित्सालय में आने वाले मरीजों से शिकायत व सुझाव प्राप्त कर सम्बन्धित अधिकारियों के माध्यम से निराकरण की उचित व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री ने मुुख्य चिकित्सा अधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करने के साथ ही साथ निरीक्षण के समय जनमानस से हेल्प-डेस्क द्वारा प्रदान की जा रही सेवाआंे की गुणवत्ता के सम्बन्ध मंे जानकारी प्राप्त करने के भी निर्देश दिये हैं।
इसी प्रकार सभी चिकित्सालयों को क्वालिटी एश्योरेन्स कार्यक्रम के अन्तर्गत नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन प्राप्त करने के निर्देश दिये गये हैं, जिसके माध्यम से अस्पतालों की गुणवत्ता में उत्तरोत्तर सुधार किया जा सके। उसी प्रकार प्रदेश की समस्त चिकित्सा इकाइंयों को कायाकल्प-अवार्ड योजना में अवार्ड प्राप्त करने के निर्देश दिये गये हैं।
प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के साथ ही साथ बायोमेडिकल वेस्ट एवं चिकित्सालयों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दे रही है। सभी प्राथमिक, सामुदायिक जिला चिकित्सालयों में साफ-सफाई एवं बायामेडिकल वेस्ट का निस्तारण समुचित ढ़ंग से किया जा रहा है। प्रदेश के समस्त ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं एवं बीमार शिशुओं को चिकित्सीय सेवा एवं वापसी की सुविधा के लिए 102 नेशनल एम्बुलेंस सेवा के अन्तर्गत प्रदान की जा रही है। प्रदेश में 2270 एम्बुलेन्स क्रियाशील हैं। इसी प्रकार 1488 एम्बुलेंस 108 एम्बुलेंस सेवा के अन्तर्गत क्रियाशील हैं, जो सड़क दुर्घटना, हृदयघात, प्रसव सम्बन्धी जटिलता, दैवी आपदा आदि आकस्मिकताओं में चिकित्सासेवा उपलब्ध करा रहे हैं। प्रदेश में 250 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से गम्भीर रोगियों को चिकित्सा सेवा एवं रेफरल परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रदेश के कई ऐसे क्षेत्र हैं जो असेवित व सुदूरवर्ती हैं ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर रोगियों का निदान, जांच तथा प्राथमिक उपचार की सुविधा मुहैया कराने के लिए 125 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट क्रियाशील हैं। शव परिवहन की सुविधा प्रदान करने के लिए 193 शव वाहन प्रदेश में क्रियाशील हैं, जो सी0एम0ओ0 व सी0एम0एस0 के नियन्त्रणाधीन हैं।
वर्तमान समय में विभिन्न रोगो की आधुनिक मशीनों से जांच, परीक्षण कर आम जनता के रोगों, गम्भीर रोगों के इलाज करने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रोक्योरमेण्ट सेवायें संचालित की हैं। प्रदेश के 40 जिला चिकित्सालयों में निःशुल्क सीटी स्कैन सुविधा मरीजों को दी जा रही है। 33 जनपदों में जिला चिकित्सालयों में निःशुल्क डायलिसिस सेवा, 297 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क टेलीरेडियोलाॅजी की सुविधा, 80 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क टेलीमेडिसिन तथा 104 टेलीकन्सलटेशन के माध्यम से मरीजों का इलाज किया जा रहा है। प्रदेश के समस्त जनपद स्तरीय स्वास्थ्य चिकित्सा इकाइयों में मेसर्स सायरिक्स हेल्थ केयर के द्वारा बायोमेडिकल इक्यूपमेण्ट उपकरणों का रख-रखाव भी किया जा रहा है।
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