लखनऊः पद्मश्री डा0 विष्णु श्रीधर वाकणकर जी के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर उनके व्यक्तित्व-कृतित्व एवं शैलचित्र/भिति चित्रांकन पर आधारित राज्य स्तरीय दो दिवसीय चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन कला एवं शिल्प महाविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ में किया गया।
प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि डा0 नीलकंठ तिवारी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), संस्कृति विभाग, उ0प्र0 सरकार द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कैनवास पर हस्ताक्षर कर किया गया। मंत्री जी द्वारा सर्वप्रथम प्रतियोगिता में सृजित कलाकृतियों का अवलोकन किया गया एवं 10 उत्कृष्ट चित्रांकन पुरस्कार एवं प्रमाण पत्रों का वितरण भी किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृति मंत्री ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए विस्तृत रूप से प्रागैतिहासिक चित्रकला पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किस तरह पद्मश्री वाकणकर जी की खोज से भारतीय इतिहास एवं संस्कृति को विश्वपटल पर प्रथम स्थान के रूप में स्वीकार किया गया। डा0 तिवारी ने कहा कि चित्रकला आत्मा से उत्पन्न होकर अपना मूलरूप रंगो से माध्यम से प्राप्त करती है। अतः यह शारीरिक अनुभूति न होकर आत्मीय अनुभूति को अभिव्यक्त करती है।
संस्कृति मंत्री ने युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करते हुए आश्वस्त किया कि राज्य ललित कला अकादमी के माध्यम से उन्हें क्षेत्रीय, राज्य स्तरीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय मंच प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार योजनाबद्ध तरीके से निरन्तर कार्य करेगी।
राज्य ललित कला अकादमी, उ0प्र0 तथा कला एवं शिल्प महाविद्यालय, लखनऊ, विश्वविद्यालय लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में पद्श्री डा0 विष्णु श्रीधर वाकणकर जी के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर उनके व्यक्तित्व कृतित्व एवं शैलचित्र/भित्ति चित्रांकन पर आधारित राज्य स्तरीय दो दिवसीय चित्रकला प्रतियोगिता में प्रदेश के 16 विश्वविद्यालयों से स्नातक, परास्नातक एवं शोधार्थियों सहित कुल 75 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। उत्तर प्रदेश के प्रमुख रूप से अमरोहा, नोएडा, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, अलीगढ़, आगरा, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, झांसी, चित्रकूट, बाराबंकी, प्रयागराज, लखीमपुरखीरी आदि के युवा कलाकारों द्वारा इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रंगो के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति प्रदर्शित की।
संस्कृति मंत्री डा0 नीलकंठ तिवारी ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के 10 उत्कृष्ट चित्रांकनों को पुरस्कार राशि की चेक एवं प्रमाण पत्रों का वितरण किया। डा0 तिवारी ने श्री कमल किशोर कश्यप आगरा, श्री राजकुमार वाराणसी, श्री विवेक कुमार पाठक वाराणसी, श्री करन वशिष्ठ आगरा, श्री नवनीत कुमार अलीगढ़, श्री आशीष कुमार झांसी, श्रीमती स्मिता तिवारी गोलाखीरी, सुश्री प्रीतिका गुप्ता बरेली, सुश्री पूजा कुशवाहा प्रयागराज, सुश्री तंजीम रहमान कानपुर, को पुरस्कार का चेक एवं प्रमाणपत्र वितरित किया।
अकादमी के अध्यक्ष, डा0 राजेन्द्र सिंह पुण्ढीर ने कहा कि अकादमी निरन्तर अपनी गतिविधियों के माध्यम से युवा कलाकारों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अकादमी जिले स्तर से लेकर दूरदराज के ग्रामीण परिवेश के क्षेत्रों तक पहुंचाया जा रहा है।
डा0 यशवन्त सिंह राठौर सचिव राज्य ललित कला अकादमी द्वारा मंत्री जी को अकादमी की ओर से मंत्री जी का पोट्रेट भेंट किया गया। सचिव द्वारा बताया गया कि इस दो दिवसीय प्रतियोगिता में सृजित कलाकृतियों की एक विधिवत प्रदर्शनी तैयार की जायेगी। साथ ही इससे संबधित एक सचित्र ब्रोशर प्रकाशित किया जायेगा। ताकि इस प्रदर्शनी को प्रदेश एवं देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शित कर वाकणकर जी के कृतित्व से जन-जन को परिचित कराया जा सके। इसका शुभारम्भ 19 से 22 सितम्बर, 2019 के मध्य निरालानगर, लखनऊ में होने वाले राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में प्रदर्शनी का आयोजन कर किया जायेगा।