लखनऊ: मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य सरकार ने गोमती नदी को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को लखनऊ में गोमती नदी के सौन्दर्यीकरण से सम्बन्धित सभी अवशेष कार्याें को
पूरी गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां एक उच्चस्तरीय बैठक में गोमती नदी के सौन्दर्यीकरण से सम्बन्धित कार्याे की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गोमती को अविरल तथा स्वच्छ बनाने के लिए कटिबद्ध है। कोई भी नदी तब तक स्वच्छ नहीं हो सकती, जब तक उसमें मिलने वाली नदियां तथा अन्य छोटे-बड़े नाले एवं अन्य जल स्रोतों को प्रदूषण रहित नहीं कर दिया जाए। इसके साथ ही, शहरों में अवस्थापना, सुविधाओं में सुधार तथा कूड़े-कचरे निस्तारण का उचित प्रबन्धन भी किया जाना जरूरी है।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने गोमती नदी को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया है। गोमती तट विकास परियोजना के लिए प्रदेश सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि गोमती में गिरने वाली नालियां और गन्दे नाले साफ हो जाएंगे तो गोमती स्वतः अपने प्राकृतिक स्वरूप को प्राप्त कर लेगी और स्वच्छ एवं प्रदूषण रहित हो जाएगी।
बैठक में अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को यह जानकारी दी गई कि गोमती नदी में वर्षा जल के संरक्षण हेतु देश में पहली बार रबर डैम का प्रयोग किया जा रहा है। गोमती में चैनल बनाने के लिए 12 किमी0 लम्बी डाईफ्राम वाॅल 16 मीटर गहरी बनायी गई है। इस बिन्दुओं को दृष्टिगत रखते हुए गन्दे पानी को गोमती नदी में गिरने से रोकने के लिए 27 किमी0 समानान्तर डेªन बनायी जा रही है तथा नालांे में प्रवाहित हो रहे गन्दे जल को बायो टैक्नोलाॅजी के माध्यम से शोधित करने का पायलेट प्रोजेक्ट चालू किया गया है।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि गोमती नदी के सौन्दर्यीकरण परियोजना के अन्तर्गत गोमती के रिवर फ्रण्ट को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने हेतु कंसल्टेन्ट उस संस्था को नियुक्त किया गया है, जिसने सिंगापुर, मलेशिया में रिवर फ्रण्ट का डिजाइन किया था। रिवरफ्रण्ट परियोजना में हरियाली, साइकिल ट्रैक, जाॅगिंग टैªक, स्पोट्स ज़ोन जैसी आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति का समावेश भी किया गया है। गोमती को सदानीरा बनाए रखने के लिए इसे शारदा/शारदा सहायक से जोड़ा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गोमती नदी के सौन्दर्यीकरण से सम्बन्धित समस्त निर्माण कार्याें को पूरा करने के लिए 02 वर्ष की समय सीमा निर्धारित की गई थी। सिंचाई विभाग के अधिकारी द्वारा बताया गया कि परियोजना से जुड़े सभी कार्याें को निर्धारित समय से 6 माह पूर्व ही पूर्ण करने के अथक प्रयास किए जा रहे हैं।