लखनऊः श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि देश व प्रदेश सरकार की मंशा है कि श्रमिक व इनके आश्रितों के हितों का संरक्षण कर इन्हे विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जाये। श्रमिकों को सभी स्तरों पर सुविधाएं व सम्मान मिले, इसके लिए श्रमिक व उद्योगपतियों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाकर अच्छे माहौल में कार्य हो इसके प्रयास किये जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश का माहौल श्रमिकों के अनुकूल बनाया जा रहा है। विगत दो वर्षों में प्रदेश सरकार ने 18 श्रम कानूनों में संशोधन कर श्रमिकों का हित संरक्षित किया है। इन्हें योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए सरकार ने अधिक से अधिक श्रमिक पंजीकरण पर जोर दिया है। श्रमिक पंजीकरण 32 लाख से बढ़कर 55 लाख तक हो गया है और आगामी एक वर्ष में 15 लाख श्रमिकों का पंजीकरण कराकर इसे 70 लाख तक किया जायेगा।
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में सोमवार को अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के शताब्दी वर्ष समारोह के अवसर पर आयोजित सेमिनार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को शोषण से बचाने व गुलामी से मुक्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की स्थापना 1919 में हुयी थी। इसके पहले भी श्रमिक हितों का संरक्षण और औद्योगिक शांति के लिए अनेक सम्मेलन हुये। लेकिन आई0एल0ओ0 की स्थापना के बाद ही श्रमिकों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने एवं इनके कार्यावधि व पारिश्रमिक देने पर प्रभावी ढंग से कार्य हुआ तथा श्रम समस्याओं के समाधान के लिए कानून बने, जिससे इनके जीवन में बदलाव आया। उन्होंने कहा कि भारत आई0एल0ओ0 का संस्थापक सदस्य रहा है। इसलिए यहां पर मजदूरों के हितों के संरक्षण पर कार्य हुआ।
उन्होंने श्रमिक एवं उद्योगपतियों को शांतिपूर्ण, सम्मानजनक व सौहार्दपूर्ण वातावरण में एक परिवार के सदस्य के रूप में कार्य करने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के श्रमिक अन्य राज्यों में कार्य के लिए न भटके इसके लिए प्रदेश में बड़े पैमाने पर उद्योग स्थापित करने के प्रयास किये गये है। श्रमिकों की श्रम शक्ति का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता। श्रमिक देश का राष्ट्र निर्माता है। सुई से लेकर जहाज तक बनाता है। उन्होंने प्रमुख सचिव श्रम को निर्देशित किया की जिन विभागों में निर्माण संबंधी कार्य हो रहे है, वहां के श्रमिकों का पंजीकरण कराने में सहयोग लेने के लिए विभाग के प्रमुख को अनुरोध पत्र भेजा जाये।
श्रम मंत्री ने कहा कि प्रदेश को बाल श्रम से मुक्त कराने के लिए अभिभावक को भी जिम्मेदार बनाना होगा। बच्चों को मेहनत-मजदूरी के लिए न भेजा जाये इसके लिए इन्हें जागरूक करना होगा। उन्होंने आह्वान किया कि अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजे मेहनत/मजदूरी न कराये। बच्चों से मजदूरी कराने वालों के साथ अभिभावक भी कानूनी रूप से जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कार्यक्रम में योजनाओं के तहत 150 से अधिक पंजीकृत लाभार्थी श्रमिकों को लाभान्वित किया। श्रमिकों के प्रति समाज में अच्छा संदेश देने के लिए उन्होंने ‘श्रमशक्ति जिन्दाबाद‘ के नारे भी लगवाये।
कार्यक्रम में श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री श्री मनोहर लाल मन्नू कोरी ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के नियमों को भारत ने श्रमिकों के हितार्थ लागू किया। इससे मजदूरों की जिंदगी में व्यापक परिवर्तन हुए। आई0एल0ओ0 की स्थापना से श्रमिक एवं सेवायोजक एक-दूसरे के हितों को ध्यान में रखकर कार्य कर रहे। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को योजनाओं का लाभ समय से मिले यह हम सबका दायित्व है। गरीबांे/श्रमिकों की सेवा ईश्वर की सेवा है। इस भावना से कार्य किया जाये। इस अवसर पर श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुनील भराला ने कहा कि सरकार श्रमिक हितों के लिए कार्य कर रही हैं हम सभी को भी श्रमिकों को लाभ देने के बारे में सोचना होगा, जिससे हम एक ऐसा देश बनायेंगे, जिसका दुनिया अनुसरण करेगी। कार्यक्रम को भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार सलाहाकार बोर्ड और महिला सम्मान पारश्रमिक समिति के अध्यक्ष श्री रघुराज सिंह एवं श्री दिवाकर सेठ ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के डिप्टी डायरेक्टर श्री संतोषी ससाकी ने कहा कि आई0एल0ओ0 समाजिक न्याय की बेहतरी, बालश्रम मुक्ति, मजदूरों के कल्याण तथा श्रम सुधार कानूनों पर कार्य कर रहा है। प्रदेश का आई0एल0ओ0 के साथ सीधा संबंध 2010 से है। मजदूरों के हितों के लिए बनाये गये प्रोजेक्ट पर प्रदेश सरकार ने अच्छा कार्य किया। बाल श्रम उन्मूलन के लिए भी 2018 से प्रदेश के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है, जिसके अच्छे परिणाम आये है। छुपी हुयी मजदूरी पर कार्य कर इसे सामने लाना है। समाज से भेद-भाव मिटा कर ज्यादा समानता पर कार्य करना होगा। यूनिसेफ के प्रोग्राम मैनेजर श्री अमित मेहरोत्रा ने कहा कि प्रदेश सरकार व यूनिसेफ के सहयोग से 265 गांव बाल श्रम मुक्त हो चुके है। प्रदेश के तीन लाख आउट आॅफ स्कूल बच्चों को बाल श्रमिक के रूप में चिन्हित कर लाभान्वित किया गया है।
प्रमुख सचिव श्रम ने कहा कि श्रम सेवा के लिए समर्पित संस्थाओं में अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने श्रमिकों के संघर्षों की लड़ाई को सदैव प्राथमिकता में रखा है। इस संगठन के 150 देशों के 40 क्षेत्रीय कार्यालयों में 2700 से अधिक कर्मचारी श्रमिक हितों के लिए दृढ़इच्छाशक्ति व संकल्प के साथ निरन्तर कार्य कर रहे है। आई0एल0ओ0 ने ही मजदूरों के काम करने के घंटे तथा साप्ताहिक अवकाश की भी व्यवस्था की। श्रम आयुक्त डाॅ0 सुधीर एम0 बोबडे, ने प्रदेश में श्रमिकों के हितों के लिए आई0एल0ओ0 के सहयोग की प्रशंसा की।