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‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की रणनीति प्रदेश में कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने में कारगर सिद्ध हो रही: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की रणनीति प्रदेश में कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने में कारगर सिद्ध हो रही हैं। इस नीति को निरन्तर प्रभावी ढंग से लागू रखने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए संक्रमण से बचाव के सम्बन्ध में थोड़ी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत कोरोना प्रोटोकॉल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित कराया जाए तथा कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्था को प्रभावी रूप से जारी रखा जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 70 नए मामले सामने आये हैं। इसी अवधि में 155 संक्रमित व्यक्तियों को सफल उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 1,093 है। पिछले 24 घण्टों में प्रदेश में 2,36,546 कोविड टेस्ट किये गये।  राज्य में अब तक कुल 06 करोड़ 28 लाख 26 हजार 817 कोरोना टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं। राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर 98.6 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार के सक्रिय प्रयासों से कोरोना महामारी पर प्रभावी अंकुश लगा है। बैठक में अवगत कराया गया कि जनपद श्रावस्ती, संतकबीर नगर, महोबा, ललितपुर, हाथरस तथा अलीगढ़ में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। यह जनपद कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं। 41 जनपदों में कोरोना संक्रमण का कोई भी नया केस नहीं पाया गया है, जबकि 33 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में कोविड टीकाकरण का कार्य पूरी गति से संचालित किया जाए। बैठक में अवगत कराया गया कि जुलाई माह में अब तक 98 लाख से अधिक वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं। प्रदेश में अब तक 04 करोड़ 10 लाख 51 हजार से अधिक वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर की सम्भावना के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं प्रभावी रखी जाएं। मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में सभी आवश्यक मेडिकल उपकरण यथा बाईपैप मशीन, मोबाइल एक्स-रे आदि तथा मानव संसाधन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना कालखण्ड में कुछ निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों के आर्थिक शोषण की शिकायतें मिली हैं, जो ठीक नही है। ऐसे कई प्रकरणों में कार्रवाई हुई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रत्येक शिकायत का संज्ञान लेते हुए जांच की जाए और दोषी पाए जाने पर सम्बन्धित चिकित्सालय के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जन समस्याओं/शिकायतों/अपेक्षाओं के त्वरित समाधान के लिए प्रत्येक माह के प्रथम और तृतीय शनिवार को तहसील दिवस तथा द्वितीय और चतुर्थ शनिवार को थाना दिवस का आयोजन किया जा रहा है। उन्हांेने निर्देशित किया कि तहसील दिवस एवं थाना दिवस में प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों का निस्तारण प्रत्येक दशा में अगले 05 दिवस में गुणवत्तापरक ढंग से किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि तहसील दिवस में हुई शिकायत अगले थाना दिवस में पुनः प्रस्तुत न हो। जनता की संतुष्टि ही अधिकारियों की कुशलता का मानक होगा। जनमहत्व के इन कार्यक्रमों की जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सीधी मॉनीटरिंग करें। उन्होंने आई0जी0आर0एस0 के प्रकरणों को प्राथमिकता के साथ निस्तारण किये जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक माह में एक दिन व्यापार मण्डल/उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ संवाद करें। मेरिट के आधार पर उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं का त्वरित समाधान किया जाए। सभी विभाग प्रत्येक सप्ताह एक दिन सायंकाल एक घण्टे का समय विभागीय कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए निर्धारित करें। समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण से सम्बन्धित मृतक आश्रितों के प्रकरणों का शीघ्र समाधान किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार सभी 75 जनपदों में न्यूनतम एक-एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए कृतसंकल्पित है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा इसी माह देवरिया, एटा, फतेहपुर, हरदोई, प्रतापगढ़, सिद्धार्थ नगर, गाजीपुर, मीरजापुर और जौनपुर जनपद में नवस्थापित मेडिकल कॉलेजों का  लोकार्पण किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सी0एम0 हेल्प लाइन के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों से संवाद की कार्ययोजना बनाई जाए, जिससे उनकी समस्याओं का यथोचित निस्तारण किया जा सके। उन्हांेने कहा कि मानक विहीन निजी ट्रॉमा सेन्टर्स के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।

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