देहरादून: सीमा पर देश की रक्षा में तैनात सैनिकों की वीरता का जश्न पूरे देश में मनाया जा रहा है। केंद्र की मोदी सरकार ने 29 सितंबर 2016 को सीमापार जाकर आतंकियों पर हमला बोलने के दिन को सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक डे के रूप में मनाने का फैसला किया है। इस वर्ष सेना के जवानों के साहस, वीरता और बलिदान को दर्शाने के लिए 28 से 30 सितंबर तक ‘पराक्रम पर्व’ का आयोजन किया जा रहा है। सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ पर राजधानी देहरादून के गढ़ी कैंट स्थित जसवंत सिंह ग्राउंड में पराक्रम पर्व का आयोजन किया गया। सेना की 69वीं माउंटेन ब्रिगेड ने पराक्रम पर्व का आयोजन किया। जिसमें सेना के मिलिट्री बैंड ने परफॉर्म किया। सेना के हथियारों एवं युद्ध उपकरणों को आम जनता के लिए प्रदर्शित किया गया था ।
दून डिफैंस कॅरियर पाॅइन्ट के छात्र जिन्हें जाना है भारतीय सेना में
दून डिफेन्स कॅरियर पाॅइन्ट में एनडीए, सीडीएस, एअरफोर्स, नेवी, में जाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्र भी भारतीय सेना के शौर्य गाथा को देखने पहुंचे। सेना में जाने का प्रशिक्षण ले रहे है पराक्रम गाथा व सैनिक उपकरणों को देखकर बहुत उत्सहित नजर आये। सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर छात्रों को मूवी क्लिप दिखाई भी दिखाई गई। इसके साथ ही कैनवास के माध्यम से जनता के संदेशों का संग्रह भी किया गया। जिसे सीमा पर तैनात जवानों को भेजा जाएगा। इस मौके पर पहुँचे सभी लोग सेना का उत्साह बढ़ाने के साथ ही जोश से लबरेज नजर आए। सभी ने कहा कि उन्हें गर्व है अपनी भारतीय सेना पर और हमेशा रहेगा। छात्रों के अनुसार वे सेना में जाकर अपने पराक्रम को दिखाने तथा देश के लिए कुछ करने के लिए तत्पर हैं।
दून डिफेन्स कॅरियर पाॅइन्ट के निदेशक जेण्पीण्नौटियाल ने कहा कि इस दिन को याद कर हर भारतीय का सीना गर्व से ऊॅचा उठ जाता है जेण्पीण्नौटियाल ने अपने संस्था के सभी छात्रों को इस पराक्रम के बारे में जाननें व उपकरणों को देखने जाने को कहा तथा एक वीर सैनिक के रूप में अपना भविष्य बनाने की प्ररेणा दी ।
दून डिफेन्स कॅरियर पाॅइन्ट के सेना से अवकाश प्राप्त भूतपूर्व अधिकारी नरेश कान्त थपलियाल जो कि संस्था में छात्रों को एसण्एसण्बी की प्रशिक्षण देते है तथा भूतपूर्व शमशेर सिंह थापा व नितेश थापा जो कि शारीरिक प्रशिक्षण देते है उन्होने भी आयोजित पराक्रम पर्व में छात्रों का उत्साह बढाया तथा उनको सेना में जाने के लिए प्रेरित किया ।