नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश को ख़ारिज करते हुए सिंगुर में नैनो प्रोजेक्ट के लिए टाटा मोटर्स के जमीन अधिग्रहण को रद्द कर दिया है। जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में गड़बड़ी पाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अधिगृहित ज़मीनें किसानों को अगले 12 हफ्तों के भीतर लौटा दी जाए।
अदालत के मुताबिक ज़मीन अधिग्रहण कलेक्टर ने भूखंडों के अधिग्रहण के संबंध में किसानों की शिकायत की ठीक से जांच नहीं की। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना था, ”हमने इस फैसले का दस साल इंतज़ार किया। ये किसानों की जीत है।”
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकार की ओर से एक कंपनी के लिए जमीन का अधिग्रहण सार्वजनिक उद्देश्य के दायरे में नहीं था. कोर्ट का कहना है कि किसानों या भूस्वामियों को मुआवजा सरकार को लौटाने की जरूरत नहीं है क्योंकि उन्होंने 10 साल तक भूमि का उपयोग नहीं किया है।
पश्चिम बंगाल की कम्युनिस्ट सरकार ने साल 2006 में टाटा की नैनो परियोजना के लिए एक हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। इसके बाद वहां टाटा मोटर ने अपनी सबसे सस्ती कार नैनो की फैक्टरी लगाई। उनकी योजना उस फैक्टरी से हर साल 2,50,000 कार तैयार करने की थी।
शुरुआती पूंजी निवेश के बाद वहां वाहन बनाने वाली और कई छोटी-मोटी फैक्टरियां भी लगी थी, जो कार के लिए सहायक उपकरण तैयार करनेवाली थी। लेकिन फैक्टरी सिर्फ दो महीने चली। हिंसक विरोध के बाद टाटा को उस जगह से निकल जाना पड़ा।