देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को सर्वे चैक स्थित आई0आर0डी0टी, आई0टी0आई कैम्पस में 17 करोड़ की लागत से निर्मित उत्तराखण्ड
प्राविधिक शिक्षा परिषद् रूड़की तथा संयुक्त प्रवेश परीक्षा एवं प्रशिक्षण अनुसंधान विकास प्रकोष्ठ देहरादून के अध्यक्ष भवन एवं बहुउद्देशीय प्रशिक्षण आॅडिटोरियम, मूल्यांकन केन्द्र एवं छात्रावास भवन का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्राविधिक शिक्षा के तहत आॅडिटोरियम एवं भवन विभाग की सम्पति के रूप में अस्तित्व में आया है। इस आॅडिटोरियम का उपयोग teacher training programmes के लिए होगा। उन्होने कहा कि शिक्षक प्रशिक्षण एक ऐसा क्षेत्र है जहां हमें अभी काफी कुछ करना है। वर्तमान युग बदलाव का युग है शिक्षकों एवं विद्यार्थी दोनो को ही लगातार नई जानकारी एवं नई तकनीकि से रूबरू होना पडेगा ताकि हम समय के साथ अपने को भविष्य के लिए तैयार कर सके। दुनिया में कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां व्यक्ति को अपने में दक्षता लाने की जरूरत ना पडे। शिक्षा का क्षेत्र विशेषकर तकनीकि क्षेत्र में हर पल बदलाव हो रहा है, हमे भी इस बदलाव को समझना होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्राविधिक शिक्षा परिषद् ने उत्तराखण्ड में तकनीकि शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है। राज्य ने तकनीकि शिक्षा में मात्रात्मक एवं गुणवत्ता के क्षेत्र में काफी तरक्की की है। विशेषकर गुणवत्ता के क्षेत्र मे, परन्तु इसमें निरन्तरता बनाये रखने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि तकनीकि शिक्षा के माध्यम से कौशल विकास योजनाओं को बढ़ावा दिया जाए। उद्योगो को तकनीकि शिक्षा से जोड कर सेन्टर आॅफ एक्सीलैंस के क्षेत्र मे पार्टनर बनाए, प्रयास यह किया जाए कि ज्यादा से ज्यादा उद्योग इस में आगे आए। हमारा उद्देश्य है कि हर जनपद में एक सेन्टर आॅफ एक्सीलैंस की स्थापना हो। उन्होने कहा कि ई-लर्निग के माध्यम से भी तकनीकि को बच्चो के बीच पहुचाया जाए। ई-कनैक्टीविटी को विकसित कर ई-लर्निग के क्षेत्र में आधुनिकता लाई जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि दिव्यांगो के लिए कम से कम 2 राजकीय पाॅलीटेक्निकों की स्थापना किए जाने हेतु योजना तैयार की जा रही है। उन्होने कहा कि दुनिया में स्कील गैप पर काफी बहस हो रही है। सन् 2025 तक दुनिया में 30 करोड़ प्रशिक्षित लोगो की आवश्यकता पड़ेगी। इस दौड़ में हमे भी अपने आप को तैयार करना है। तकनीकि शिक्षा के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा प्रशिक्षित लोग तैयार कर स्कील गैप को भरे जाने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि यह जरूरी नही कि अच्छे भवन एवं अच्छे विद्यालय से ही प्रतिभाशाली विद्यार्थी निकले। हमे कमी के बावजूद भी उपर उठना होगा, आदमी चुनौतियों से ही आगे बढ़ता है। उन्होने कहा कि तकनीकि का सहारा लेकर ड्राप आउट की समस्या को हल किया जाए। तकनीकि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं के लिए काफी कुछ किये जाने की जरूरत है। वर्तमान में केवल 03 महिला पाॅलिटैक्निक कालेज है। भविष्य मंे इनकी संख्या बढ़ायी जाएगी। आई0टी0आई में महिलाओं से सम्बंधित नए क्रैश कोर्स संचालित किए जाए।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखण्ड बनने के बाद हमने तकनीकि शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रगति की है। आई0आई0टी0 रूड़की देश में ही नहीं अपितु विश्व भर में उत्तराखण्ड का नाम रौशन कर रहा है। बहुउद्देशीय प्रशिक्षण आॅडिटोरियम का लोकार्पण विभाग के लिए एक बड़ा कदम है क्योकि प्राविधिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों को प्रशिक्षण के लिए विभाग के पास कोई प्रशिक्षण संस्थान नहीं था। आॅडिटोरियम का उपयोग प्रशिक्षण कार्य, छात्रों एवं जनसामान्य के क्रिया कलापों के लिए होगा। उत्तराखण्ड शिक्षा के क्षेत्र में एक हब के रूप में विकसित हुआ है, हमारा प्रयास है कि तकनीकि शिक्षा के क्षेत्र में भी हम इसी तरह आगे बढ़े।
इस अवसर पर संसदीय सचिव एवं विधायक राजकुमार, प्रमुख सचिव ओम प्रकाश, अपर सचिव पकंज पाण्डेय सहित विभागीय अधिकारी, शिक्षकगण एवं भारी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।