उपराष्ट्रपति, श्री एम वेंकैया नायडू ने राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह मेमोरियल, दांडी, गुजरात के पास आजादी का अमृत महोत्सव के भाग के रूप में 25 दिनों तक चले स्मारक दांडी पदयात्रा के रंगारंग समापन समारोह में आज भाग लिया। समारोह केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय और गुजरात सरकार द्वारा आयोजित किया गया था। गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत; केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी, सिक्किम के मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तमांग, गुजरात के उप मुख्यमंत्री श्री नितिन पटेल, श्री सी. आर. पाटिल, संसद सदस्य; श्री आई.वी. सुब्बाराव, उपराष्ट्रपति के सचिव; साबरमती आश्रम ट्रस्ट के न्यासी श्री सुदर्शन अयंगर और अन्य इस आयोजन में उपस्थित थे।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए उप-राष्ट्रपति ने कहा कि गांधी जी की प्रतिष्ठित दांडी नमक मार्च हमारे स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण क्षण था। श्री नायडू ने कहा कि इसने इतिहास के कालखंड को बदल दिया। उन्होंने कहा, “दांडी मार्च हम प्रतीकात्मक रूप से आज फिर से देख रहे हैं, यह हमारे राष्ट्र की चुनौतियों के साथ एकजुट रहने की क्षमता को दर्शाता है।”
उप-राष्ट्रपति ने सभी को महात्मा गांधी से प्रेरणा लेने को कहा, जिन्होंने हमेशा अपने विरोधियों के लिए भी विनम्र और सम्मानजनक भाषा का उपयोग किया। उन्होंने कहा, “गांधी जी का अहिंसा का सिद्धांत केवल शारीरिक हिंसा तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसने अहिंसा को शब्दों और विचारों में भी बदल दिया था”।
“आज़ादी का अमृत महोत्सव” – भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के 75 सप्ताह के उत्सव को, 12 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी ने साबरमती आश्रम से आरम्भ किया था। यह उत्सव भारत में पिछले 75 वर्षों में तेजी से प्राप्त सफलता का जश्न मनाता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह एक उत्सव हमें अपनी छिपी हुई शक्तियों को फिर से प्रदर्शित के लिए प्रोत्साहित करता है और हमें विभिन्न राष्ट्रों की मंडली में अपना सही स्थान हासिल करने के लिए ईमानदार, सहयोगात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है।
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इस अवसर पर, संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि 91 साल पहले, महात्मा गांधी ने देश की आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान को जागृत करने के लिए यह यात्रा शुरू की थी, और अब 91 साल बाद, 12 मार्च को शुरू हुई प्रतीकात्मक दांडी यात्रा हमारी आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान की यात्रा के पुनरुद्धार का प्रतीक है। हालांकि, यह यात्रा यहीं समाप्त नहीं होती है बल्कि यह आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत है।
पर्यटन मंत्री ने यह भी कहा कि इस ऐतिहासिक यात्रा को दोहराने का उद्देश्य युवा पीढ़ी को यह बताना है कि हमारे पूर्वजों ने स्वतंत्रता कैसे हासिल की। उन्होंने 7 मंत्रियों, 11 विधायकों और 121 लोगों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस यात्रा में उनका साथ दिया। श्री पटेल ने आगे कहा कि प्रत्येक नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि वह अमृत महोत्सव में सामूहिक भागीदारी के माध्यम से जन महोत्सव बनाए। पर्यटन मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि यह देश की आजादी के 75 साल के त्यौहार को मनाने का वास्तविक तरीका है।
श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने आगे कहा कि भारत वैश्विक प्लेटफॉर्म पर पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन ने हमारे देश की ताकत को और बढ़ाया है, जो हमने दुनिया के कई देशों को प्रदान की है। उन्होंने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत जल्द हमारा राष्ट्र विश्व गुरु के रूप में दुनिया का नेतृत्व करेगा।
इससे पहले दिन में, उपराष्ट्रपति ने प्रार्थना मंदिर में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और मार्च पास्ट में भाग लेने वाले पैदल सैनिकों के साथ बातचीत की। उन्होंने सैफी विला का भी दौरा किया जहां गांधीजी ने 4 अप्रैल 1930 की रात को विश्राम किया था। इसके बाद, श्री नायडू ने राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक का दौरा किया। यह एक ऐसा स्मारक है जो नमक सत्याग्रह के कार्यकर्ताओं और प्रतिभागियों का सम्मान करता है।
कार्यक्रम के दौरान, उप-राष्ट्रपति ने गुजरात राज्य हस्तशिल्प विकास निगम के भौगोलिक संकेत (जीआई टीएजी) उत्पाद पर विशेष लिफाफे भी जारी किए। उन्होंने सिक्किम, छत्तीसगढ़ और गुजरात के लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन का भी अवलोकन किया।