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केबल टीवी के डिजिटलीकरण का तीसरा चरण 31 दिसंबर, 2015 तक पूरा हो जाएगा

देश-विदेश

नई दिल्‍ली: केबल टीवी के डिजिटलीकरण के तीसरे चरण को 31 दिसंबर 2015 तक पूरा करने के अपने लक्ष्‍य को पाने के प्रयासों के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आज राज्‍य स्‍तरीय प्रमुख अधिकारियों की एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित की।

इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव श्री जे.एस. माथुर ने विभिन्‍न राज्‍यों के प्रतिनिधियों का स्‍वागत किया और विशेष जोर देते हुए कहा कि इस पहल को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसकी अहमियत के बारे में विस्‍तार से बताते हुए श्री माथुर ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस दिशा में काफी काम किया है और यह पहल यहां तक कि राज्‍यों के लिए भी लाभप्रद साबित होगी, क्‍योंकि इससे राजस्‍व के साथ-साथ रोजगार सृजन में भी वृद्धि होगी।

कार्यशाला में भाग लेने वालों को सम्‍बोधित करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव सुश्री आर. जया ने कहा कि डिजिटलीकरण की पहल डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है। डिजिटल एड्रेसेबल सिस्‍टम (डीएएस) के फायदों के बारे में विस्‍तार से बताते हुए उन्‍होंने कहा कि इससे उपभोक्‍ताओं को चैनलों को देखने के मामले में और ज्‍यादा विकल्‍प मिलेंगे। इसके साथ ही उपभोक्ता बेहतर क्‍वालिटी वाले चैनल देखने का लुत्‍फ भी उठा सकेंगे। जहां एक ओर एनालॉग सिस्‍टम में उपभोक्‍ताओं के पास कोई विकल्‍प नहीं होता है, वहीं दूसरी ओर डिजिटल सिस्‍टम में दर्शकगण अपने चैनलों का चयन कर सकते हैं। इसके अलावा ट्राई की सिफारिशों के अनुसार डिजिटलीकरण से टेलीफोन, ढेर सारी अतिरिक्‍त सेवाओं के साथ टीवी देखने, गेमिंग, पसंदीदा फिल्‍म, रिकॉर्डिंग और ब्रॉडबैंड जैसी सेवाएं घर-घर में सुलभ होने लगेंगी। अत: डिजिटलीकरण अंतिम घर तक ब्रॉडबैंड की कनेक्टिविटी सुलभ कराने में भी सहायक होगा, जिससे डिजिटल इंडिया का सपना साकार होगा।

उन्‍होंने कहा कि जहां तक राज्‍यों का सवाल है, इस पहल से बिल संग्रहकर्ताओं की नियुक्ति, शिकायत निवारण की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था के लिए कॉल सेंटरों की स्‍थापना और सेट टॉप बॉक्‍स इत्‍यादि की विक्रय बाद सेवा के जरिए वहां बड़ी संख्‍या में रोजगारों का सृजन होगा। इससे राज्‍यों के राजस्‍व में भी वृद्धि होगी, क्‍योंकि पारदर्शी तथा सक्षम ग्राहक प्रबंधन प्रणाली की स्‍थापना की जा रही है, जो ग्राहकों की वास्‍तविक संख्‍या से वाकिफ कराएगी। जिन राज्‍यों ने डिजिटलीकरण के पूर्ववर्ती चरणों में इसे अपनाया था, उनके अनुभवों से पता चला है कि उन्‍हें अब कहीं ज्‍यादा राजस्‍व प्राप्‍त हो रहा है।

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