देहरादून: प्रदेश की पहली पैनिक बटन वाली इलेक्ट्रिक बस का एक महीने तक चला ट्रायल सफल रहा। बीते नौ अक्तूबर से नौ नवंबर तक बस को मसूरी रोड पर चलाया गया। अब जल्द दून से मसूरी और हल्द्वानी से नैनीताल मार्ग पर 25-25 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। भविष्य में इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी।
पिछले महीने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हैदराबाद से आई एक करोड़ रुपये की इलेक्ट्रिक बस को हरी झंडी दिखाकर ट्रायल का शुभारंभ किया था। करीब एक महीने तक बस को देहरादून से मसूरी चलाया गया। महिलाओं की सुरक्षा के लिए इस बस में हर सीट पर पैनिक बटन लगा है। सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस भी इस बस में लगा हुआ है। साधारण बस में 18 रुपये प्रति किलोमीटर खर्च आता है। जबकि, इस इलेक्ट्रिक बस में महज छह रुपये प्रति किलोमीटर बिजली खर्च हो रही है। इस बस में आटोमेटिक ट्रांसमिशन के चलते ऑटो गियर की सुविधा है। जिसकी वजह से चालक को बार-बार गियर बदलने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
इसमें आटोमेटिक स्लाइडिंग डोर सिस्टम है। इसका कंट्रोल चालक के पास रहता है। लो फ्लोर के चलते बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को चढ़ने-उतरने में बेहद आसानी रहती है। इसके अलावा इसमें इलेक्ट्रिक डिस्प्ले है, इस पर यात्रियों को पूरे रूट की जानकारी मिलती है। दोनों बसों की मरम्मत की बात करें तो डीजल से चलने वाली बसों में हर चार माह में क्लच, गियर बॉक्स आदि को बदलना पड़ता है, जबकि इलेक्ट्रिक बस में इसकी जरूरत ही नहीं पड़ती। इस बस की बैटरी एक बार चार्ज होने पर 200 से 250 किलोमीटर का सफर तय कर सकती है।
ऐसे समझ सकते हैं दोनों बसों में अंतर | ||
इलेक्ट्रिक बस | इलेक्ट्रिक बस | |
व्हीलबेस | 9 मीटर | 8.5 मीटर |
सीट | 30 | 35 |
टैंक | – | 160 लीटर |
एवरेज | 6 रुपये प्रति किमी | 18 रुपये प्रति किमी |
वारंटी | 15 साल | 6 साल |
कीमत | एक करोड़ रुपये | 25 लाख रुपये |
अधिकतम रफ्तार | 80 किमी प्रतिघंटा | 80 किमी प्रतिघंटा |
मरम्मत खर्च | 2 रुपये प्रति किमी | 5 रुपये प्रति किमी |
दून से मसूरी रोड पर चलाई गई इलेक्ट्रिक बस का ट्रॉयल सफल रहा। इसके बाद शुरुआत चरण में 50 ई-बसें खरीदने की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द यह बसें दून से मसूरी और हल्द्वानी से नैनीताल चलती दिखाई देंगी।
– दीपक जैन, महाप्रबंधक संचालन, उत्तराखंड परिवहन निगम