नई दिल्ली: केंद्रीय बजट 2019-20 में केंद्रीय वित्त मंत्री ने करदाताओं के लम्बित विवादों के निपटारे के लिए समाधान योजना-सबका विश्वास-2019 की घोषणा की थी।इस योजना को अब अधिसूचित कर दिया गया है और यह 1 सितंबर 2019 से शुरू होगी। योजना 31 दिसंबर,2019 तक जारी रहेगी। सरकार को विश्वास है कि बड़ी संख्या में करदाता सेवा कर और केंद्रीय उत्पाद कर से संबधित अपने बकाया मामलो के समाधान के लिए इस योजना का लाभ उठाएंगे। ये सभी मामले अब जीएसटी के अंतर्गत सम्मिलित हो चुके हैं और इससे करदाता जीएसटी पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
योजना के दो प्रमुख भाग विवाद समाधान और आम माफी है। विवाद समाधान का लक्ष्य अब जीएसटी में सम्मिलित केंद्रीय उत्पाद और सेवा कर के बकाया मामलो का समाधान करना है। आम माफी के तहत करदाता को बकाया कर देने का अवसर प्रदान किया जाएगा और करदाता कानून के अंतर्गत किसी भी अन्य प्रभाव से मुक्त रहेगा। योजना का सबसे आकर्षक प्रस्ताव सभी प्रकार के मामलो में बकाया कर से बड़ी राहत के साथ-साथ ब्याज,जुर्माना और अर्थ दंड में पूर्ण राहत देना है। इन सभी मामलो में किसी भी प्रकार का अन्य ब्याज,जुर्माना और अर्थ दंड नहीं लगाया जाएगा और इसके साथ ही अभियोजन से भी पूरी छूट मिलेगी।
योजना के अंतर्गत न्यायिक या अपील में लंबित सभी मामलो में 50 लाख या इससे कम की चुंगी के मामले में 70 प्रतिशत की राहत और 50 लाख से अधिक के मामलो में 50 प्रतिशत की राहत मिलेगी। यह छूट जांच और लेखा परीक्षण के अंतर्गत चल रहे ऐसे मामलो में जहां और चुंगी परिमाणित कर ली गई हो और संबधित पक्ष को सूचित कर दी गई हो, या विवरण में 30 जून,2019 या उससे पहले स्वीकार कर लिया गया हो, में मिलेगी। स्थायी चुंगी मांग के मामले में जहां अपील लंबित न हो उन मामलो में 50 लाख या उससे कम की स्थिति में 60 प्रतिशत की राहत और 50 लाख से अधिक की स्थिति में 40 प्रतिशत की राहत दी जाएगी। स्वैच्छिक घोषणा की स्थिति में संबंधित व्यक्ति को केवल स्वैच्छिक चुंगी की पूर्ण राशि देनी होगी।
योजना का उद्देश्य बड़ी संख्या में करदाताओ को लंबित करो से राहत दिलाना और विशेष रूप से बड़ी संख्या में छोटे करदाताओ के लंबित मामलो का समाधान करना है। केंद्र सरकार ने सभी संबधित लोगो से सबका विश्वास योजना का लाभ उठाने और नई शुरूआत करने का आव्हान किया है।