राष्ट्रीय बांस मिशन और गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) मिलकर बांस के सामानों (बांस आधारित उत्पादों और गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्रियों) के विपणन के लिए जीईएम पोर्टल पर एक समर्पित विंडो शुरू करने के लिए काम कर रहे हैं। इस भागीदारी के परिणामस्वरूप, केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने 3 जून, 2021 को एक वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान बांस के उत्पादों के लिए एक समर्पित विंडो “द ग्रीन गोल्ड कलेक्शन” का शुभारम्भ किया। इस कार्यक्रम में कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग में अतिरिक्त सचिव डॉ. अलका भार्गव, जीईएम के सीईओ श्री पी. के. सिंह, जीईएम के सीएफओ डॉ. राजीव कांडपाल कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव श्रीमती छवि झा, राष्ट्रीय बांस मिशन में निदेशक डॉ. रंजीत सिंह और जीईएम के उत्पाद प्रबंधक श्री अनुराग अवस्थी भी शामिल रहे। श्री पी. के. सिंह ने जीईएम और बैम्बू मार्केट पेज के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। इस कार्यक्रम में देश भर से 200 से ज्यादा प्रतिभागी शामिल हुए, जिनमें ज्यादातर बांस कारोबारी शामिल थे।
उद्घाटन भाषण में मंत्री ने इतने कम समय में बांस उत्पादों के लिए एक समर्पित विंडो विकसित करने के लिए एनबीएम और जीईएम के मिलेजुले प्रयासों की सराहना की। यह समर्पित विंडो छोटे विनिर्माताओं और अच्छे विक्रेताओं को एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगी, जिससे खरीदाओं को आकर्षित करने के लिए उनकी पहुंच बढ़ेगी और भरोसेमंद स्रोतों से मिले आला उत्पादों को खरीदार मिल सकेंगे, जो दोनों के लिए फायदे वाली स्थिति होगी। उन्होंने उत्पादों की बड़ी रेंज की भी सराहना की, जो देश में बांस से विकसित की जा रही है। ये उत्पाद इन दिनों रसोई में प्रचलित बर्तनों के अच्छे विकल्प हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह अखिल भारतीय प्लेटफॉर्म बांस कारोबारियों को अच्छी बाजार पहुंच उपलब्ध कराने के लिहाज से खासा उपयोगी साबित होगा।
सत्र के दौरान, कारोबारियों की चिंताओं और आशंकाओं को दूर करने के लिए संवाद हुआ, जिससे उन्हें बड़ी संख्या में पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
राष्ट्रीय बांस मिशन और जीईएम की विशेष पहल “द ग्रीन गोल्ड कलेक्शन”[https://gem.gov.in/national-bamboo-mission], के माध्यम से जीईएम पर उत्कृष्ट दस्तकारी वाले बांस और बांस से बने उत्पादों, हस्तशिल्प, डिस्पोजल और कार्यालय में उपयोग होने वाले उत्पादों का प्रदर्शन किया जाता है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के बांस कारीगरों, बुनकरों और कारोबारियों को सरकारी खरीदारों तक बाजार पहुंच उपलब्ध कराना है। फर्नीचर में बांस के पोल से लेकर बांस से बने उत्पाद, लाइफस्टाइल व डिकोर, किचनवेयर, औद्योगिक मशीनरी, खिलौने जैसे हस्तशिल्प सामान, अगरबत्ती/ खुशबूदार स्टिक्स, डिस्पोजेबल्स, पानी की बोतल, योगा चटाई, चारकोल सहित कार्यालय में काम आने वाले सामान आदि को सरकारी खरीदारों के लिए पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। इस पहल से सरकारी खरीदारों के बीच बांस के उत्पादों को अपनाने और इस्तेमाल को प्रोत्साहन मिलेगा और साथ ही आत्मनिर्भर भारत के लिए एक टिकाऊ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।