नई दिल्ली: भारत और अमरीका ने पेससेटर फंड की स्थापना के लिए सहयोग के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। स्वच्छ ऊर्जा के साथ ऊर्जा की पहुंच को बढ़ावा देने वाला यह फंड अमरीका और भारत के बीच स्वच्छ ऊर्जा में साझेदारी की ओर बढ़ने की दिशा में एक कदम है
जिससे नवप्रवर्तनशील उत्पादों, प्रणालियों और बिजनस मॉडल को विकसित करने के लिए प्रारंभिक अवस्था में सहायता के जरिये ऑफ ग्रिड स्वच्छ ऊर्जा के व्यावसायीकरण में तेजी लाई जा सकती है।
समझौता ज्ञापन पर भारत की ओर से नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा सचिव श्री उपेन्द्र त्रिपाठी और अमरीका की ओर से भारत में अमरीका के राजदूत श्री रिचर्ड वर्मा ने 30 जून, 2015 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किये।
भारत सरकार और अमरीका ने ”स्वच्छ ऊर्जा के जरिये ऊर्जा की पहुंच को बढ़ावा देने (पीस)” की एक नई पहल शुरू करने की घोषणा की थी। यह महत्वकांक्षी सहयोग स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ने के लिए अमरीका और भारत के बीच साझेदारी के अंतर्गत एक नया कदम है। स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है। इसे अमरीका के राष्ट्रपति की जनवरी, 2015 में हुई भारत यात्रा के दौरान भी संयुक्त वक्तव्य में शामिल किया गया था।
भारत और अमरीका की करीब पांच सौ मिलियन रुपये (8 मिलियन अमरीकी डॉलर) की राशि 50:50 के अनुपात में आहरित की गई है।
इसके अंतर्गत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में सचिव, भारत में अमरीका के राजदूत दोनों ओर के तीन प्रतिनिधियों को मिलाकर एक संचालन समिति बनाई गई है। इस बात पर सहमति बनी कि तकनीकी और व्यावसायिक नवोन्मेष के जरिये और ऑफ ग्रिड स्पेस में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सहयोग किया जाएगा।