नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने कहा है कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के क्षेत्र में आपसी रिश्तों को और मजबूती प्रदान करने के लिए भारत-रवांडा नवाचार विकास कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक ऐसे परितंत्र का सृजन करना है जिसमें भारतीय नवाचार एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े कदम दोनों ही देशों के व्यावसायिक उद्यमों को बढ़ावा देंगे। उपराष्ट्रपति भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ (फिक्की) और रवांडा विकास बोर्ड द्वारा आज रवांडा के किगाली में संयुक्त रूप से आयोजित किये गये भारत-रवांडा बिजनेस फोरम की बैठक को संबोधित कर रहे थे। रवांडा के प्रधानमंत्री श्री अनासतसे मुरेकेजी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि रवांडा वर्ष 1994 में हुए दुर्भाग्यपूर्ण नरसंहार से पूरी तरह उबर चुका है और किगाली शहर की स्वच्छता का जायजा लेने से यह साफ जाहिर हो जाता है कि यह देश विकास एवं समृद्धि के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने यह भी कहा कि रवांडा में आज अक्षय ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, कृषि, खनन, पर्यटन और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में निवेशकों के लिए असीम अवसर हैं। उन्होंने कहा कि विगत कुछ वर्षों से भारत और रवांडा के बीच व्यापार निरंतर धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि रवांडा के अनेक निवासी अपनी बीमारियों के इलाज के लिए भारत की यात्रा कर चुके हैं और वे वहां से काफी संतुष्ट होकर लौटे हैं। उन्होंने कहा कि रवांडा के विद्यार्थियों के लिए भारत उच्च गुणवत्ता वाली एवं किफायती शिक्षा का एक प्राथमिकता वाला गंतव्य भी बनता जा रहा है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि विचारों एवं अभिनव कदमों को व्यावहारिक उपयोग में लाने के लिए खोज एवं विकास के साथ-साथ इनकी समुचित डिलीवरी करने की भी जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि हम अब रवांडा में अपने साझीदारों के साथ-साथ अफ्रीका के अन्य भागीदारों के साथ भी काम करने को तैयार हैं, ताकि हमारे अनुभवों से लाभ उठाते हुए नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था के निर्माण में मदद मिल सके।
8 comments