देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को बीजापुर अतिथि गृह में विजिलेंस विभाग की समीक्षा की। उन्होने समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि भ्रष्टाचार एवं उत्पीडन को रोकने के लिये कारगार प्रयास किये जाए। विजिलेंस सिस्टम को सशक्त बनाने के साथ ही ऐसी व्यवस्था हो ताकि जनता में विजिलेंस का प्रभाव दिखाई दे। समाज में विभाग की स्वच्छ छवि बने तथा शिकायतो का व्यवहारिकता के साथ निराकरण हो ऐसे प्रयास किये जाए। विजिलेंस में दर्ज मामलो के निस्तारण में तेजी लायी जाये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि विजिलेंस के मामलो के परिक्षण की प्रक्रिया को भी दुरस्त किया जाय, जिस व्यक्ति के विरूद्ध केश दर्ज हो उसे वापस उसी स्थान पर तैनाती न दी जाय। उन्होने कहा कि विजिलेंस के कार्यो में कार्मिक की दक्षता का आकलन उसकी पदौन्नति में किया जाय। विजिलेंस का रूतबा समाज में कायम हो, लोगो के मन में भ्रष्टाचार एवं गलत कार्य करने के लिये डर पैदा हो ऐसा माहोल समाज में बने विभाग इसके प्रयास करे।
उन्होंनंे निर्देश दिये कि ट्रेप के मामलों में शिकायतकर्ता आदि के विवरण को समाधान पोर्टल के साथ जोड़ा जाए। विभाग को खुली जांच में आय से अधिक सम्पत्ति आदि के मामलों में सर्च का अधिकार दिये जाने के सम्बन्ध में अन्य प्रदेशों का अध्ययन करने के भी निर्देश उन्होने दिये। भ्रष्टाचार एवं उत्पीड़न से सम्बन्धित मामलों की शिकायत के लिए टोल फ्री नम्बर की व्यवस्था को कारगर बनाया जाए। पौड़ी व अल्मोड़ा में स्थापित होने वाले सर्किलों को भी व्यवस्थित व सुविधायुक्त बनाया जाए। विभाग अपने संसाधनों को बढ़ाएं तथा प्रशिक्षण पर भी ध्यान दें।
बैठक में सचिव गृह विनोद शर्मा, सचिव सतर्कता अरविन्द सिंह ह्यांकी, निदेशक सतर्कता एवं अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, पुलिस अधीक्षक बरिन्दरजीत सिंह कृष्ण कुमार, डिप्टी एस.पी. प्रमोद कुमार, अमित श्रीवास्तव, निरीक्षक आई0बी0नौटियाल सहित प्रदेश भर के विजिलेंस विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।