नई दिल्ली: इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसियेशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने अपने सदस्यों की ओर से आगामी हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों और एक साथ होने जा रहे विविध उपचुनावों सहित भविष्य के सभी चुनावों के दौरान ‘स्वैच्छिक आचार संहिता’ का पालन करने पर सहमति प्रकट की है। आईएएमएआई और सोशल मीडिया मंचों, फेसबुक, व्हॉट्सअप, ट्विटर, गूगल, शेयरचेट और टिकटॉक ने 17वें लोकसभा आम चुनाव 2019 के दौरान ‘स्वैच्छिक आचार संहिता’ प्रस्तुत की थी और उसका पालन किया था। आईएएमएआई ने आयोग को आश्वासन दिया है कि सोशल मीडिया मंच चुनावों को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से सम्पन्न कराने में सहयोग देंगे।
आयोग द्वारा प्रबल रूप से समझाये जाने के परिणामस्वरूप सभी प्रमुख सोशल मीडिया मंच और आईएएमएआई एकजुट होकर आगे आये और उन्होंने मिलजुल कर आम चुनाव 2019 के लिए ‘स्वैच्छिक आचार संहिता’ तैयार की। यह ‘स्वैच्छिक आचार संहिता’ 20 मार्च 2019 को आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई और उसी दिन से तत्काल प्रभाव से लागू हो गई। चुनाव की अवधि के दौरान सोशल मीडिया मंचों ने उल्लंघन के 909 मामलों पर कार्रवाई की और उनकी जानकारी भारत निर्वाचन आयोग को दी।
‘स्वैच्छिक आचार संहिता’ की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है :
(i) सोशल मीडिया मंच निर्वाचन कानूनों और अन्य संबंधित निर्देशों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए स्वैच्छित रूप से सूचना, शिक्षा और संचार अभियान चलायेंगे।
(ii) सोशल मीडिया मंचों ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा रिपोर्ट किये जाने वाले मामलों पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए उच्च प्राथमिकताओं वाला एक समर्पित शिकायत निवारण चैनल तैयार किया है।
(iii) सोशल मीडिया मंचों और भारत निर्वाचन आयोग ने एक अधिसूचना व्यवस्था तैयार की है, जिसके माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 126 और अन्य निर्वाचन नियमों के संभावित उल्लंघन के बारे में सूचना संबंधित मंचों को उपलब्ध करा सकता है।
(iv) माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार सोशल मीडिया मंच यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके यहां से प्रसारित होने वाले सभी राजनीतिक विज्ञापन मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समितियों द्वारा पूर्व प्रमाणित किये जायेंगे।
(v) भाग लेने वाले सोशल मीडिया मंच ऐसे विज्ञापनों के लिए पहले से मौजूद अपने लेबल्स/प्रकटीकरण प्रौद्योगिकी का उपयोग करने सहित पेड राजनीतिक विज्ञापनों में पारदर्शिता लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आईएएमएआई की ओर से अभी प्राप्त हुए आश्वासन के साथ-साथ 20 मार्च, 2019 को जारी संहिता के मूल पाठ का लिंक नीचे दिया गया है।