लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) डा0 सतीश चन्द्र द्विवेदी ने बताया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापकों द्वारा विद्यालय को प्ररेक विद्यालय बनाने हेतु किये गये अनुकरणीय नवाचारो के लिए प्रधानाध्यापक को चयनित किया जायेगा। विद्यालय विकास योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के आधार पर चयनित प्रधानाध्यापकों को देश के चुनिन्दा प्रतिष्ठित संस्थानों में एक्सपेाजर विजिट के लिए ले जाया जायेगा।
यह जानकारी देते हुए डा0 द्विवेदी ने बताया कि पे्ररक विद्यालय बनाने के लिए जिन प्रधानाध्यापकों द्वारा बेहतर कार्य किया गया है उनका चिन्हीकरण कराया जायगा और चिन्हीकरण कार्य हो जाने के बाद प्रधानाध्यापको को चुनिन्दा संस्थानों में एक्सपोजर विजिट कराया जायेगा। उन्होने बताया कि प्रधानाध्यापक द्वारा अपने विद्यालय को प्रेरक विद्यालय बनाने के लिए बेहतर ढग से कार्य किया जाना चाहिए तथा विद्यालय विकास योजना का प्रभावी क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण किया जाये, इसका विशेष ध्यान रखा जाये।
डा0 द्विवेदी ने बताया कि बुनियादी शिक्षा एवं उपचारात्मक शिक्षा हेतु शिक्षक हस्तपुस्तिकाओं में आधारशिला, ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह प्रत्येक शिक्षक को उपलब्ध करायी गयी है, आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह में दी शिक्षण तकनीकी पर आधारित एवं बुनियादी शिक्षा पर आधारित लगभग 100 वीडियो विकसित किया गया है जिसको देखकर शिक्षको द्वारा शिक्षण तकनीक को आत्मसात किया जा रहा है। उन्हाने बताया कि दीक्षा पोर्टल के माध्यम से शिक्षको द्वारा अतिरिक्त डिजिटल शिक्षण सामग्री का उपयोग करते हुए शिक्षण कार्य को रूचिकर एवं प्रभावी बनाया जा रहा है।
डा0 द्विवेदी ने बताया कि दीक्षा एप पर शिक्षको एवं विद्यार्थियो के प्रयोगार्थ 4000 से अधिक वीडियो विजुअल्स शिक्षण सामाग्री उपलब्ध करायी गयी है जिसके माध्यम से शिक्षक विद्यार्थियों को बेहतर ढंग से नई तकनीकी शिक्षा प्रदान करने का कार्य आनलाईन किया जा रहा है। उन्होने बताया कि शिक्षकों द्वारा विद्यार्थयों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने का कार्य भी किया जाना चाहिए ताकि विद्यार्थियों द्वारा रूचि लेकर शिक्षा प्राप्त की जाय, विद्यार्थी शिक्षा अच्छे ढंग से प्राप्त करेगें तो विद्यार्थियों के जीवन का विकास होगा।