केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में ‘मेघालयन एज’ स्टोर का शुभारंभ करते हुये कहा, “दुनिया ने अभी पूर्वोत्तर की अपार क्षमता देखी नहीं है।” उन्होंने कहा कि मेघालय के शहतूत पर पाले जाने वाले कीड़ों से बने रेशम (मलबेरी सिल्क) के अलावा पूर्वोत्तर के शॉल, बांस, हस्तशिल्प और विभिन्न अनोखे उत्पादों का विशाल बाजार बन सकता है, जो न सिर्फ भारतीयों के लिये, बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिये आकर्षण होगा। उन्होंने कहाः “दुनिया आपका मंच है।”
श्री गोयल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को उद्धृत कियाः “जब तक कि भारत के पूर्वोत्तर और पूर्वी भाग पश्चिमी और दक्षिणी भारत के समकक्ष नहीं आ जायेंगे, देश विकास नहीं कर सकता,” और कहा, “उनके हृदय में पूर्वोत्तर के विकास की यह प्रतिबद्धता है, ऐसी गहरी अभिलाषा और पूर्वोत्तर के लोगों के बेहतर जीवन की उत्कंठा है कि हम सभी मंत्रियों का यह कर्तव्य हो गया है कि हम पूर्वोत्तर पर पूरा ध्यान दें और यह देखें कि वहां और क्या-कुछ किया जा सकता है।”
राष्ट्रीय राजधानी की हृदयस्थली में राज्य के विशिष्ट और उत्कृष्ट स्टोर की “सहज शैली” की प्रशंसा करते हुये श्री पीयूष गोयल ने एक ऐसे स्टोर की स्थापना के लिये मुख्यमंत्री श्री कोनराड संगमा को बधाई दी, जहां राज्य के 43 हजार से अधिक बुनकरों और स्थानीय शिल्पकारों को एक ही छत के नीचे मेघालय की समृद्ध संस्कृति, विरासत, कला और राज्य के विशिष्ट उत्पादों को पेश करने का मौका मिलेगा। यह स्टोर राज्य के कुटीर उद्योग को भी समर्थन देगा।
श्री गोयल ने कहा, “मेघालय के हमारे शिल्पकारों, बुनकरों और दस्तकारों की शानदार कृतियों को देखने के बाद, मैं बस यही कह सकता हूं कि हम जो देख रहे हैं, वह सूरज की एक किरण मात्र है। जो दिख रहा है, उसकी तुलना में आपकी क्षमता अपार है, आपकी योग्यता का पारावार नहीं।”
कल शाम को शुरू हुए मेघालयन एज स्टोर को सीडीएस जनरल बिपिन रावत की स्मृति को समर्पित करते हुये श्री गोयल ने कहा कि जनरल रावत एक सच्चे कर्मयोगी थे और भारत को महान बनाने की भावना से ओतप्रोत थे।