महिला और बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई ने भुवनेश्वर में पांच राज्यों को शामिल करते हुए राज्य सरकारों और पूर्वी क्षेत्र के हितधारकों के क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा है कि इस तेजी से बदलती दुनिया में, अच्छे पोषण, लैंगिक समानता, उचित शिक्षा के स्तंभ पर आधारित मानव और सामाजिक पूंजी के निर्माण करने की आवश्यकता है। इसके अलावा महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के अधिकार सुनिश्चित करना भी है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार इस दिशा में काम कर रही है कि देश की 69 प्रतिशत महिला आबादी और बच्चों का कल्याण कैसे सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने महिलाओं और बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए मिशन पोषण 2.0, महिला सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति तथा बच्चों के कल्याण के लिए मिशन वात्सल्य जैसे तीन मिशन शुरू किए हैं।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, मंत्री महोदय ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के पोषण में सुधार के लिए सभी पीढ़ियों में समय पर हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है। डॉ. मुंजपरा ने कहा कि पोषण 2.0 का उद्देश्य स्थायी स्वास्थ्य, देखभाल और प्रतिरक्षा के लिए पोषण जागरूकता तथा खाने की अच्छी आदतों को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य स्थानीय भागीदारी और जवाबदेही के माध्यम से व्यवहार में बदलाव लाना है।” मंत्री महोदय ने कहा, “पिछले पांच वर्षों के दौरान हमने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 11.94 लाख विकास निगरानी उपकरण और 11 लाख तीन हजार स्मार्ट फोन वितरित किए हैं तथा प्रशासन में सुधार और कुपोषित बच्चों की पहचान और उपचार सुनिश्चित करने के लिए पोषण ट्रैकर्स शुरू किए हैं।” अन्य दो मिशनों के बारे में उन्होंने कहा, “मिशन वात्सल्य का उद्देश्य मौजूदा वैधानिक ढांचे को मजबूत करके और आपातकालीन जनसम्पर्क सेवाओं के वितरण द्वारा देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चों की सहायता करना है, जबकि मिशन शक्ति का उद्देश्य महिलाओं के नेतृत्व में विकास पर सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करना है।”
केंद्रीय राज्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि अब जब कोविड से संबंधित सभी प्रतिबंध हटा लिए गए हैं और ऐसे में समय आ गया है कि केंद्रित हस्तक्षेपों के माध्यम से एक स्वस्थ समाज का निर्माण किया जाए। मंत्री महोदय ने कहा, “हम राज्यों को संवेदनशील बनाने के लिए इस क्षेत्रीय सम्मेलन में यहां एकत्रित हुए हैं क्योंकि वे आगामी वित्तीय वर्षों में इन योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए ज़िम्मेदार होंगे।”
सम्मेलन में भाग लेते हुए, ओडिशा राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती तुकुनी साहू और पश्चिम बंगाल की महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. शशि पांजा ने महिलाओं तथा बच्चों के विकास और सशक्तिकरण के लिए संबंधित राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों और हस्तक्षेपों पर प्रकाश डाला। दोनों मंत्रियों ने इन तीन नए मिशनों के समुचित क्रियान्वयन में पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव, श्री इंदेवर पांडेय ने तीन नए मिशनों के उद्देश्यों और लक्ष्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “सतत विकास लक्ष्यों के अंतर्गत कई लक्ष्य 2030 में तेजी से आगे आ रहे हैं। तीन मिशनों का उद्देश्य लक्ष्य हासिल करना है और राज्यों से इसमें सक्रिय भागीदार प्राप्त होने की आशा है।”
ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड जैसे पांच राज्यों के प्रतिनिधियों और हितधारकों को शामिल करने वाले पूर्वी क्षेत्र के क्षेत्रीय सम्मेलन में आज केंद्रित हस्तक्षेपों के माध्यम से महिलाओं तथा बच्चों के विकास और सशक्तिकरण से संबंधित कई विषयों पर विचार-विमर्श हुआ।