केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि आयकर रिटर्न फॉर्म में कोई बदलाव नहीं किया गया बल्कि सिर्फ रिटर्न प्रक्रिया में उपयोग होने वाले सॉफ्टवेयर (यूटिलिटी सॉफ्टवेयर) को अद्यतन किया गया है। सीबीडीटी ने मीडिया में चल रही उन खबरों का खंडन किया है जिनमें कहा गया है कि आईटीआर फॉर्म में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं और इससे करदाताओं को दिक्कत हो रही है।
बोर्ड ने बयान जारी करके कहा कि इन फॉर्मों के उपयोगिता सॉफ्टवेयर की अद्यतन (अपडेटेशन) प्रक्रिया से रिटर्न दाखिल करने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। बताया गया कि अब तक 1.38 करोड़ इकाइयां आयकर रिटर्न दाखिल कर चुकी हैं।
सीबीडीटी ने कहा कि आईटीआर-2 और आईटीआर-3 समेत किसी भी आईटीआर फॉर्म में एक अप्रैल को अधिसूचना जारी होने के बाद से कोई बदलाव नहीं किया गया है। एक अप्रैल आकलन वर्ष 2019-20 का पहला दिन है।
31 जुलाई के पहले कर दें आईटीआर फाइल मालूम हो कि आईटीआर फाइल करने के लिए अलग-अलग वर्गों के करदाताओं के लिए मियाद भी अलग-अलग होती है। आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए इंडिविजुअल्स, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) और जिन लोगों के खातों की ऑडिटिंग की जरूरत नहीं है, इन तीनों ही वर्गों के लिए आखिरी तारीख 31 जुलाई 2019 है। लेकिन कंपनी और कंपनी के वर्किंग पार्टनर्स जैसे अन्य वर्गों के लिए 31 जुलाई आखिरी तारीख नहीं है।
ऐसी कंपनियां, फर्म का वर्किंग पार्टनर, इंडिविजुअल या अन्य एंटिटि जिनके अकाउंट्स की ऑडिटिंग जरूरी है, उनके लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर है। वहीं ऐसे असेसीज जिन्हें सेक्शन 92ई के तहत रिपोर्ट देनी होती है, उनके लिए अंतिम तिथि 30 नवंबर है। बता दें कि सेक्शन 92ई के तहत रिपोर्ट तब जमा कराना पड़ता है जब टैक्सपेयर ने संबंधित वित्त वर्ष में दूसरे देश से लेनदेन किया है।