केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज 9 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ कोविड-19 पर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया और टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे की उपस्थिति में छत्तीसगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी के स्वास्थ्य मंत्रियों और अंडमान व निकोबार द्वीप समूहों, दादर नगर हवेली, दमन व दीव, लद्दाख और लक्षद्वीप के उप राज्यपालों/ प्रशासकों के साथ संवाद किया।
इस बैठक में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री टी. एस. सिंह देव, हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री राजीव सैजल, गोवा के स्वास्थ्य मंत्री श्री विश्वजीत सिंह राणे, अंडमान व निकोबार द्वीप समूहों के उप राज्यपाल एडमिरल डी. के. जोशी, चंडीगढ़ के प्रमुख सचिव श्री अरुण गुप्ता और राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के अन्य प्रमुख अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में उपस्थित रहे।
देश में कोविड के हालात के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि देश भर में इस समय 30,27,925 सक्रिय मामले हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान, कोविड के 3,57,295 मरीज ठीक हो गए और सुधार की दर 87.25 प्रतिशत बनी हुई है। उन्होंने इस बात पर संतोष जाहिर किया कि पिछले 8 दिनों से लगातार दैनिक सुधार के मामलों की संख्या कोविड के नए मामलों से ज्यादा बने हुए हैं। भारत में पिछले 5 दिनों से कोविड के नए मामले 3 लाख से कम बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों में, भारत में सबसे ज्यादा 20,61,683 जांच हुईं, जिससे कुल जांच की संख्या 3,30,00,000 से ज्यादा हो गई है।
टीकाकरण अभियान के महत्व को रेखांकित करते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अपने नागरिकों को वैक्सीन की कुल 19,18,89,503 डोज दे चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार देश में वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए वैक्सीन विनिर्माताओं को सहयोग देने की सक्रिय प्रक्रिया में है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले महीनों में, देश में वैक्सीनों के उत्पादन में भारी बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि “अगस्त से दिसंबर 2021 के बीच, भारत को वैक्सीन की 216 करोड़ डोज प्राप्त होंगी, वहीं इस साल जुलाई तक 51 करोड़ डोज प्राप्त हो जाएंगी।” केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि इस साल के अंत तक, देश अपनी पूरी वयस्क आबादी के टीकाकरण की स्थिति में होगा।
ब्लैक फंगस (म्यूक्रोमाइकोसिस) के मुद्दे को रेखांकित करते हुए, डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि सभी राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों से इसे एक महामारी घोषित करने और ब्लैक फंगस के सभी मामलों की विधिवत सूचना देना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मधुमेह नियंत्रण और स्टेरॉयड्स के सीमित उपयोग के संबंध में राज्यों को सभी जरूरी जानकारियां और दिशानिर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने भविष्य में वायरस में बदलाव और बच्चों के खतरे में पड़ने से जुड़ी अटकलों पर भी बात की। उन्होंने बताया कि ऐसे किसी भी तात्कालिक संकट से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया जा रहा है।
डॉ. हर्ष वर्धन ने सभी राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों में कोविड की स्थिति पर एक ब्योरा प्रस्तुत किया। छत्तीसगढ़ में मार्च, 2021 से तेज संचरण देखने को मिला है। मई की शुरुआत तक राज्य में लगभग 30 प्रतिशत की पॉजिटिविटी दर बनी हुई थी। हिमाचल प्रदेश में 35,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं, वहीं मृत्यु दर (1.44 प्रतिशत) राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है। डॉ. हर्ष वर्धन ने हिमाचल प्रदेश में मामलों में तेज बढ़ोतरी के लिए आत्मसंतोष, विवाह, स्प्रेडर इवेंट्स आदि जैसे मुद्दों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि गोवा में 22,000 सक्रिय मामलों के साथ बढ़ोतरी का रुझान बना हुआ है। दमन और दीव में 366 सक्रिय मामले हैं और अब गिरावट का रुझान देखने को मिल रहा है। इसी प्रकार, लद्दाख में वर्तमान में 1,500 सक्रिय मामलों के साथ गिरावट का रुझान बना हुआ है।
डॉ. हर्ष वर्धन ने देश में नए उभरते हुए रुझान के बारे में आगाह किया। उन्होंने कहा कि छोटे राज्यों में बढ़ोतरी का रुझान दिख रहा है और ऐसे में अब ज्यादा ही सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने राज्यों से महामारी के खिलाफ लड़ाई में जांच, निगरानी, पता लगाने, उपचार और अब टीकाकरण के साथ ही कोविड उपयुक्त व्यवहार के मूलभूत सिद्धांतों के पालन के लिए कहा। उन्होंने टीकाकरण बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया और केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली वैक्सीनों के 70 प्रतिशत हिस्से को दूसरी डोज के लिए इस्तेमाल करने की जरूरत दोहराई। उन्होंने वैक्सीन की बर्बादी को लेकर राज्यों से सतर्क रहने के लिए भी अनुरोध किया।
एमओएस (एचएफडब्ल्यू) श्री अश्विनी कुमार चौबे ने दोहराया कि अब जांच और टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार म्यूकर माइकोसिस के लिए दवाओं के रूप में राज्यों को पूरा सहयोग दे रही है, और अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन भी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कोविड के खिलाफ लड़ाई में सभी राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना की।
एक विस्तृत और व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से, एनसीडीसी के निदेशक श्री सुजीत कुमार ने नौ राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों में सक्रिय मामलों, पॉजिटिविटी दर और मृत्यु दर के रुझान पर प्रकाश डाला। उन्होंने छोटे राज्यों विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश में मामलों में बढ़ोतरी के खिलाफ आगाह किया। उन्होंने संभावित हॉटस्पॉट में निगरानी, परीक्षण और ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर दिया।
अतिरिक्त सचिव (स्वास्थ्य) सुश्री वंदना गुरनानी ने इन 9 राज्यों में टीकाकरण की प्रगति पर प्रस्तुतीकरण दिया। चंडीगढ़ (29 प्रतिशत), पुडुचेरी (25 प्रतिशत), दादर व नगर हवेली (24 प्रतिशत) 45+ आयु समूह के कवरेज में राष्ट्रीय औसत (35 प्रतिशत) से काफी पीछे हैं, वहीं चंडीगढ़, लक्षद्वीप, जेएंडके, एएंडएन द्वीप समूह जैसे केन्द्र शासित प्रदेश अपने स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन कर्मचारियों के कवरेज में काफी पीछे हैं।
कोविड-19 की रोकथाम की अपनी तैयारियों को बढ़ाने की सलाह पर ध्यान देते हुए, राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों ने केन्द्र सरकार से मिल रही सहायता के लिए आभार प्रकट किया। डॉ. हर्ष वर्धन ने राज्यों को उनके टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र से हर सहयोग का भरोसा दिलाया।
बैठक में अतिरिक्त सचिव और मिशन निदेशक, एनएचएम सुश्री वंदना गुरनानी, संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य) श्री लव अग्रवाल, एनसीडीसी निदेशक डॉ. सुजीत के. सिंह और अन्य वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहे।