मुंबई: सलमान खान की जमानत को लेकर बोम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान करीब दो घंटे तक बचाव और अभियोजन पक्ष के वकीलों के बीच बहस चली। सलमान खान के वकील अमित देसाई ने सुनवाई के दौरान मामले में रविंद्र पाटिल को मुख्य गवाह बनाए जाने पर सवाल खड़े किए। उन्होंने सवाल किया कि रविंद्र पाटिल उस रात होटल से लेकर घटनास्थल तक कार का रूट नहीं बता सके थे। इसके साथ ही वह टायर फटने के मामले पर भी कोई जानकारी नहीं दे सके थे। इन सबके बावजूद उन्हें मुख्य गवाह क्यों बनाया गया।
अमित देसाई का कहना था कि पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक जेडब्ल्यू मैरियट से हादसे की जगह केवल 14 किमी दूर थी और यह दूरी आधे घंटे में तय की गई। जबकि रविंद्र पाटिल के मुताबिक तब कार की स्पीड 90-100 किमी प्रति घंटा थी। इस पर जज ने कहा कि वह रविंद्र पाटिल का बयान देखना चाहते हैं।
इसके साथ ही अमित देसाई का कहना था कि हादसे के समय कार में चार लोग मौजूद थे। उन्होंने कहा कि हादसे के दिन कार में कमाल खान भी मौजूद थे। पुलिस ने उनका बयान लिया लेकिन इसके बाद उनसे कोई पूछताछ नहीं की गई। ड्राइवर अशोक सिंह से भी पूछताछ नहीं हुई। सलमान पर लगी धाराओं में एक को छोड़कर बाकी सब जमानती है। उन्हें सिर्फ जेल में मत भेजो क्योंकि वह सुपरस्टार है।
इसके बाद जज ने सरकारी पक्ष के वकीलों से अपना पक्ष रखने को कहा और पूछा कि सजा सस्पेंड करने में उन्हें क्या दिक्कत है। जब अभियुक्त की जमानत की अपील पर सुनवाई हो रही है तो उसे जेल क्यों भेजा जाए। हालांकि इसके साथ ही जज ने कहा कि यह उनका आदेश नहीं बस उनका आकलन है। इस मामले में 304(2) यानी कि गैर इरादतन हत्या की धारा क्यों लगाई गई जबकि यह धारा पहले किसी दुर्घटना के मामले में नहीं लगाई गई।