लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने लखनऊ महोत्सव-2018 का शुभारम्भ करते हुए कहा कि प्रदेश की राजधानी मंे आयोजित होने वाला यह महोत्सव इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और परम्परा का प्रतिनिधित्व करता है। यह महोत्सव अपनी विशिष्टता के लिए पूरे प्रदेश और देश में जाना जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ की विशिष्ट सांस्कृतिक विरासत है और इसका इतिहास विश्व प्रसिद्ध रहा है। लखनऊ अपनी संस्कृति को आधुनिक जीवनशैली के संग बड़ी सुंदरता के साथ संजोए हुए है। दुनिया के उत्कृष्ट नगरों में गिना जाने वाला लखनऊ अवध क्षेत्र की संस्कृति और परम्परा के संवाहक के साथ-साथ सामाजिक समरसता और सौहार्द का प्रतीक है।
पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के लखनऊ से जुड़ाव का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उनका इस शहर से खासा लगाव था। लखनऊ से श्री वाजपेयी जी के इस आत्मीय रिश्ते का सम्मान करते हुए इस वर्ष यह महोत्सव श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पावन स्मृति में आयोजित किया जा रहा है। अटल जी को समर्पित इस आयोजन की थीम ‘अटल संस्कृति, अटल विरासत’ रखी गयी है। इस दृष्टि से महोत्सव में अटल दीर्घा स्थापित की गयी है। इस दीर्घा में आदरणीय अटल जी से सम्बन्धित पिक्चर गैलरी, लाइब्रेरी, आॅडियो, वीडियो-शो, क्विज़ आदि का आयोजन किया जाएगा। इसी प्रकार एक ‘अटल ग्राम’ का निर्माण भी कराया गया है, जिसमें ग्रामीण पृष्ठ भूमि को रेखांकित किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्यटन जन-जन को सांस्कृतिक जागृति एवं सौहार्द की भावना से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य करता है, जिसके अन्तर्गत घूमना, सैर करना, मेले-उत्सवों और पर्वाें तथा सांस्कृतिक विरासत को देखने-समझने जैसी गतिविधियां शामिल होती हैं। यह गौरव की बात है कि हम सब जिस प्रदेश के वासी हैं, वह अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक विरासत के लिए सारी दुनिया में जाना जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सांस्कृतिक पर्यटन के माध्यम से उत्तर प्रदेश को देश-विदेश के पर्यटकों में एक विशिष्ट आकर्षण केन्द्र के रूप में विकसित और प्रचारित-प्रसारित कराने के लिए प्रदेश के प्रमुख स्थानों पर प्रतिवर्ष नियमित रूप से उत्सवों का आयोजन कराया जाता है, जो पर्यटकों का मनोरंजन करने के साथ ही आयोजन स्थलों व उत्तर प्रदेश की विशिष्ट संस्कृति और गरिमा मण्डित इतिहास के भी दर्पण होते हैं। इन आयोजनों में लखनऊ महोत्सव भी एक है, जिसका आयोजन प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 25 नवम्बर, से 05 दिसम्बर, 2018 तक हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ ऐतिहासिक नगर है, इसका एक गौरवशाली इतिहास है। इसकी सद्भावना से परिपूर्ण विशिष्ट संस्कृति है और यह शहर शिल्प व कलाओं को समर्पित रहा है। गोमती के किनारे सजा-संवरा यह शहर प्रसिद्ध अवध क्षेत्र का केन्द्र रहा है। अवध अपने इतिहास, स्मारकों, कलाओं के साथ-साथ अपनी अनूठी परम्पराओं, रहन-सहन, रीति-रिवाजों, पर्व-उत्सवों, सामाजिक समरसता तथा सर्वधर्म-समभाव के लिए प्रसिद्ध रहा है और इस दृष्टि से लखनऊ उसका सांस्कृतिक दर्पण रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यहां सौहार्द, सामन्जस्य एवं सर्वधर्म सम्भाव से परिपूर्ण जीवन-पद्धति मौजूद है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन लखनऊ की संस्कृति, परम्परा, कला व साहित्य को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ जनता को विकास के भावी परिदृश्य से परिचित कराने में उपयोगी सिद्ध होगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पर्यटन मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि यह महोत्सव लखनऊ की पहचान बन चुका है। यह कलाकारों, संगीतकारों, साहित्यकारों, रंगकर्मियों के लिए एक मंच है। महोत्सव क्योंकि नगर विशेष की संस्कृति पर केन्द्रित होते हैं, ऐसे में लखनऊ महोत्सव का महत्व और बढ़ जाता है। इसके माध्यम से पर्यटकों को लखनऊ की संस्कृति और यहां की विरासत का पता चलता है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पर्यटन श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और लखनऊ महोत्सव के आयोजन पर विस्तार से जानकारी दी।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम स्थल आगमन के उपरान्त लखनऊ महोत्सव का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्हें आयोजकों द्वारा एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। उन्होंने इस अवसर पर प्रस्तुत की गयी नाटिका का भी अवलोकन किया।