केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह आज कर्नाटक के तुमकुर स्थित सिद्धगंगा मठ में परम पावन डॉ.श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामी जी की 115वीं जयंती और गुरूवंदना समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी,केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री भगवंत शुबा और कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज हम सब यहां डॉ.श्री श्री श्री शिव कुमारस्वामी की 115वीं जन्मजयंती पर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि मैं तीसरी बार सिद्धगंगा मठ में आया हूं और हर बार यहां से चेतना,उत्साह और ऊर्जा लेकर गया। हमारा देश बहुत पुरातन देश है और यहां कई तीर्थस्थान,ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ हैं। लेकिन कुछ तीर्थस्थान महान संतों के कर्मों के आधार पर बनते हैं और ये सिद्धगंगा मठ ऐसा ही एक तीर्थस्थान है, जहां श्रीश्रीश्री शिव कुमारस्वामी ने 88 सालों तक बसवअन्ना के वचनों को ज़मीन पर उतारने का काम किया और उसके माध्यम से समाज में समभाव,शिक्षा और लोगों को आत्मीय रूप से भी समृद्ध बनाने का रास्ता प्रशस्त किया। कोई व्यक्ति अपने जीवन में अपने बारे में ना सोचकर लोगों,समाज,देश और धर्म के बारे में सोचता है तब उस व्यक्ति के आसपास एक आभामंडल का निर्माण हो जाता है। वो आभामंडल कई लोगों के जीवन में नया उजाला,शिक्षा का प्रकाश लाने,उनके जीवन को सद्मार्ग पर प्रशस्त करने और धर्म अनुरागी भी बनाने का काम करता है।
श्री अमित शाह ने कहा कि श्रीश्रीश्री शिव कुमारस्वामी ने 112 साल की आयु तक और 88 साल इस मठ के पीठाधीश के रूप में अपना जो आभामंडल बनाया,वो ना सिर्फ़ आज बल्कि अनेक युगों तक देश के लोगों को,जीवन कैसे जीना चाहिए,इसकी प्रेरणा देता रहेगा। इसीलिए अटल जी जब यहां आए थे, तो उन्होंने कहा था कि उत्तर में गंगा है और दक्षिण में सिद्धगंगा है। ऐसी मान्यता है कि गंगा में स्नान करने ये अनेक जन्मों के पापों का समूल नाश हो जाता है और सिद्धगंगा मठ में आने से ही अनेक जन्मों के पुण्यों की जागृति होती है। उन्होंने कहा कि सिद्धगंगा बहुत बड़ा तीर्थ है और आज यहां 80,000 वर्गफ़ुट के क्षेत्र में एक फ़ॉर्मेसी कॉलेज के निर्माण का शिलान्यास हुआ है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि ये एक ऐसा आध्यात्मिक स्थल,एक तपस्वी के तप, कर्मयोगी के कर्म और एक धार्मिक जीवन जीने वाले संत के कारण बना है। लगभग 600 साल पुराना ये स्थान अनेक लोगों के जीवन में ऊंचाई और उत्कर्ष लाने का कारण बना है,इसीलिए शिव कुमारस्वामी जी को आधुनिक युग का बसवअन्ना भी कहा जाता है। 1908 से लेकर 1930 में वो मठ के प्रमुख बने और जीवन की अंतिम सांस तक मठ को अनेक लोगों के जीवन के उद्धार का केन्द्र बनाया। पक्षपात रहित समभाव के विचार को उन्होंने आगे बढ़ाया और बसवअन्ना के सभी वचनों को ज़मीन पर उतारने का निष्ठापूर्वक प्रयास किया। उन्होंने त्रिविधा दसोह के सिद्धांत को ज़मीन पर उतारा और सालों तक कई लोग इस सिद्धांत को आगे ले जाएं,इस प्रकार का कर्म का संदेश दिया। उन्होने कहा कि कोई अपने वचनों से संदेश देता है,कोई ज्ञान से देता है ,लेकिन शिव कुमारस्वामी जी ने अपने कर्मों से संदेश दिया जो युगों-युगों तक याद रहने वाला है। अन्न,अक्षर और आश्रय,तीनों को इन्होंने चरितार्थ करने का काम किया। इस मठ में जो भी आता है वो कभी भूखा वापिस नहीं जाता है। ग़रीब बच्चों के लिए यहां शिक्षा और रहने की व्यवस्था है। समाज के हर वर्ग के दस हज़ार से ज़्यादा ग़रीब बच्चे अपने जीवन को ज्ञान से प्रकाशित करने का काम इस मठ के तत्वाधान में कर रहे हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि अन्न,अक्षर और आश्रय के तीनों सिद्धांत को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने भी ज़मीन पर उतारा। कोरोना काल में लगभग 80 करोड़ लोगों को दो साल तक प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज फ्री देने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया। नई शिक्षा नीति के तहत देश की अनेक भाषाओं को पुनर्जीवन देने का काम नरेन्द्र मोदी जी ने किया है। नई शिक्षा नीति के माध्यम से बच्चों को अपनी भाषा में पढ़ाई,तकनीकी और मेडिकल शिक्षा मिले,इसके लिए मोदी जी ने प्रयास किए हैं। लगभग तीन करोड़ लोगों के पास रहने के लिए घर ही नहीं था लेकिन सिर्फ़ 7 साल में तीन करोड़ लोगों को मोदी जी ने घर देने का काम किया।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि डॉ.शिव कुमारस्वामी जी ने शिक्षा के क्षेत्र में जो काम किया,उसमें भी समभाव है कि हर समाज और जाति के बच्चे यहां पढ़ें और आगे बढ़ें। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि शिव कुमारस्वामी जी के बाद भी सिद्धगंगा मठ उनके सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग शिव कुमार स्वामी जी को साक्षात् भगवान कहते हैं,कुछ लोग बसवअन्ना का अवतार कहते हैं और कुछ लोग शिव योगी भी कहते हैं। परंतु मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि 88 साल तक मठ के पीठाधीश के नाते उन्होंने कर्म का जो संदेश दिया है,उस संदेश पर हम सब लोग आगे चलें और पूरे समाज में सुख, समृद्धि,शिक्षा और पोषण का प्रचार करें।