21 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

गिनीज बुक में दर्ज हुई 7 हजार हीरों से बनी ये बेशकीमती अंगूठी

देश-विदेश

पटना: बिहार के बगहा के विमल और रंजू भालोटिया की पुत्री खुशबू ने हीरे जड़ित अंगूठी बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। खुशबू की शादी हीरानगरी सूरत के व्यवसायी विशाल अग्रवाल से हुई है। वैश्विक मंच पर भारत को पहचान दिलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के नारे को बल देने के उद्देश्य से व्यवसायी दंपती ने 18 कैरेट गोल्ड में 6690 हीरे जड़ित अनूठी अंगूठी बनाई है। अंगूठी के निर्माण पर 25 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। अंगूठी को भारत के राष्ट्रीय फूल कमल का आकार दिया गया है। जिसे गिनीज बुक आफ वर्ड रिकॉर्ड में जगह मिली है। हीरानगरी सूरत निवासी विशाल और खुशबू अग्रवाल ने यह अंगूठी तैयार की है।

अमेरिका देखी अनोखी अंगूठी तो आया आइडिया

अग्रवाल दंपती पिछले एक वर्ष से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था। खुशबू के पति विशाल ने दूरभाष पर बताया कि अमेरिका में बेहद यूनिक ज्वेलरी देखने के बाद यह आइडिया आया कि इंटरनेशल मार्केट में भी भारत की डिजाइन भी होनी चाहिए। दंपती ने इस दिशा में काम शुरू किया। ताकि वैश्विक बाजार में भारत का नाम रोशन हो। उस वक्त वर्ड रिकॉर्ड बनाने का कोई इरादा नहीं था। इंडियन थीम पर रिंग बनाने की ठानी तो सबसे पहले देश के राष्ट्रीय प्रतीक कमल की ओर ध्यान गया। फिर कमल को केंद्र में रखकर ही यह रिंग बनाई। 1 जून को अमेरिका के लॉस एंजेल्स में रिंग को लांच किया गया।

खुशबू ने तैयार किया मॉडल

अंगूठी बनाने के पूर्व दंपती ने सूरत के साथ साथ मुंबई के व्यवसायियों की भी मदद ली। इस दौरान कंप्यूटर मॉडल तैयार हुआ, जिसे खुशबू ने फाइनल किया। डिजाइन फाइनल होने के बाद इसे आकार दिया गया। अंगूठी में कट डायमंड का प्रयोग किया गया है। एक रिंग में इससे अधिक डायमंड का प्रयोग पूर्व में कभी नहीं हुआ। इससे पूर्व वल्र्ड रिकार्ड जयपुर के सेवियो के नाम पर था। जिन्हों

Guinness world records Certificate

ने 3800 डायमंडयुक्त मोर डिजाइन वाली अंगूठी बनाई थी। हालांकि यह अंगूठी बेहद भारी थी। जिसके कारण इसे पहना नहीं जा सकता था। अग्रवाल दंपती के द्वारा तैयार अंगूठी पहनने योग्य है।

हीरे में कमल के फूल का डिजाइन

हीरे में कमल के फूल का डिजाइन को बानाने के लिए सबसे पहले कम्प्यूटर मॉडल बनाया गया। इसके बाद रिंग का कॉन्सेप्टयुलाइजेशन किया गया। फिर फाइनल डिजाइन तैयार होने पर इसे तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई। पूरे एक साल बाद यह अंगूठी बन कर तैयार हुई। इसमें खास बात यह है कि ये 18 कैरेट रोज गोल्ड और 24 फीसदी अलॉय से बनाई गई है। यह 58.176 ग्राम वजन की यानी अंदाजन 6 तोला सोने की बनी है और इसको बनाने के लिए बीस कारीगर लगातार लगे थे। इस अंगूठी को बनाने वाले व्यापारी विशाल अग्रवाल का कहना है कि जब वह विदेश जाते थे तो वहां वह आउट ऑफ द बॉक्स डिजाइन ज्वैलरी को देखते थे, तब ही ख्याल आया कि मेड इन इंडिया डिजाइन भी कुछ ऐसा होना चाहिए. जिसके बाद इस पर काम करना शुरू किया गया। oneindia

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More