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जंगल को नुकसान पहुंचाए बगैर यह सफारी विकसित की जाए: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद लखनऊ के कुकरैल वन में नाइट सफारी विकसित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जंगल को नुकसान पहुंचाए बगैर यह सफारी विकसित की जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर कुकरैल वन, लखनऊ में नाइट सफारी के संकल्पना प्रारूप के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुकरैल नाइट सफारी वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण-पर्यटन एवं शिक्षा के क्षेत्र में एक अनूठा प्रयोग सिद्ध होगी। यह परियोजना राज्य एवं राजधानी लखनऊ के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार वन्य जीवन और प्रकृति के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। कुकरैल वन क्षेत्र में नाइट सफारी के विकास से इस क्षेत्र को बेहतर ढंग से संरक्षित किया जा सकेगा। यह परियोजना शिक्षा, सूचना और मनोरंजन का एक अनोखा मिश्रण होगी, जिससे हरित और स्वस्थ कल का मार्ग प्रशस्त होगा। कुकरैल नाइट सफारी देश व प्रदेश के लोगों को विश्वस्तरीय ईको-पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुकरैल नाइट सफारी को आधुनिकतम तकनीक पर विकसित किया जाए। नाइट सफारी के लिए बेहतर कनेक्टिविटी हेतु 4-लेन मार्ग का निर्माण कराया जाए। उन्होंने कहा कि नाइट सफारी को भव्य और आकर्षक बनाने के लिए कुकरैल नदी को चैनलाइज कर रिवर फ्रण्ट की तर्ज पर विकसित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कुकरैल वन क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 2027.46 हेक्टेयर है। इसमें से लगभग 500 एकड़ क्षेत्रफल में वन क्षेत्र को प्रभावित किए बगैर जू एवं नाइट सफारी विकसित करने का प्रस्ताव है। वर्तमान में कुकरैल वन क्षेत्र में एक घड़ियाल प्रजनन केन्द्र, चिल्ड्रेन पार्क और एक वन विश्राम गृह है। भारत में 13 ओपन-डे सफारी हैं, लेकिन एक भी नाइट सफारी नहीं है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन श्री हेमन्त राव, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव वन श्री मनोज सिंह, प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री नरेन्द्र भूषण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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