लखनऊ: खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, वस्त्र उद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई, निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि राज्य के प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की यूनीफार्म का वितरण हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग तथा खादी बोर्ड के माध्यम से कराया जायेगा। इस वर्ष 70 लाख यूनीफार्म की सप्लाई इन विभागों के माध्यम से किये जाने का निर्णय लिया गया है। अगले वर्ष से सम्पूर्ण यूनीफार्म का वितरण इन्हें संस्थाओं से कराया जायेगा। इससे प्रदेश में बुनकरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और बिचैलियों द्वारा लिये जाने वाले कमीशन पर भी अंकुश लगेगा।
श्री सिंह आज विधान भवन में आज सरकारी स्कूलों में यूनीफार्म सप्लाई के संबंध में बैठक कर रहे थे। इस मौके पर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सतीश चन्द्र द्विवेदी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि राज्य के प्राइमरी स्कूलों में एक करोड़ 80 लाख यूनीफार्म का वितरण होता है। हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग तथा खादी बोर्ड के माध्यम से डेªस आपूर्ति से उच्च गुणवत्ता के वस्त्र बच्चों को सुलभ होगा और प्रदेश में खादी वस्त्रों के उत्पादन मेें भी भारी बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने प्रथम चरण में चार जिलों के 07 ब्लाकों मे खादी बोर्ड के माध्यम से यूनीफार्म का वितरण कराया गया है।
वस्त्रोद्योग मत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी 15 जून तक डेªस तैयार करा लिये जायं और 15 फरवरी को यूनीफार्म सप्लाई के संबंध में प्रजेन्टेशन प्रस्तुत किया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि यूनीफार्म की क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए। साथ पैकेजिंग भी आकर्षक बनाया जाय। ड्रेस आपूर्ति में पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए ठोस कठम उठाये जायं। प्रतिदिन होने वाले प्रोडक्शन पर नजर रखी जाय। राज्य में अधिक से अधिक यूनिटों को जोड़ा जाय। यूनीफार्म को स्कूलों तक पहुंचाने के भी बेहतर प्रबंध किये जायं। उन्होंने कहा कि हर हाल में 01 जुलाई से विद्यालयों में डेªस वितरण का कार्य शुरू हो जाना चाहिए।
श्री सिंह ने कहा कि प्राइमरी स्कूलों में स्वेटर का वितरण राज्य द्वारा किया जा रहा है, जबकि यूनीफार्म की आपूर्ति भारत सरकार के सहयोग से की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में केन्द्रीकृत टेण्डर प्रक्रिया के माध्यम से यूनीफार्म आपूर्ति के लिए भारत सरकार के साथ बैठक की जायेगी। इससे बेहतर क्वालिटी के डेªस की समय से स्कूलों में आपूर्ति सुनिश्चित होगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यूनीफार्म आपूर्ति के संबंध में उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों का भी अध्ययन किया जाय। जिससे और अधिक गुणवत्तापरकर यूनीफार्म का वितरण सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई जनपदों में पर्याप्त संख्या में पावरलूम उपलब्ध हैं। यह व्यवस्था लागू होने से प्रदेश में निर्मित वस्त्र स्कूलों में पहुंचेगे। साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।