देहरादून: इस बार राज्य का बजट गाय, गंगा, गरीब, गुजर-बसर, गन्ना, गौशाला, गहत, गलगल और गाड़-गदेरों को
समर्पित रहेगा। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वित्त मंत्री डा. (श्रीमती) इंदिरा हृद्येश से बजट में उक्त विषयक कार्यक्रमों व योजनाओं को प्रमुखता देने का अनुरोध किया है। 9 मार्च से बजट सत्र आहूत किया गया है। बजट के संबंध में मुख्यमंत्री श्री रावत ने बजट में जन सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए जनसाधारण, बुद्धिजीवियों, विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी सुझाव लिए हैं। बजट 2016-17 के लिए 17 फरवरी को सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई थी जिसमें लगभग सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए थे। जबकि उसी दिन ‘‘उत्तराखण्ड बजट 2016-17, जनसहभागिताः एक सवाल-एक सुझाव’’ कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। इसमें बड़ी संख्या में प्रबुद्ध जनों ने बजट के संबंध में अपने सुझाव दिए थे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि उत्तराखण्ड की आर्थिक विकास की दर बेहतर रही है। हमारी प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। बजट में प्रयास किया जाएगा कि आर्थिक वृद्धि दर का फैलाव सभी क्षेत्रों व वर्गों तक हो सके। राज्य के विकास में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने, गरीबों व वंचितों के जीवन स्तर में सुधार हो, नौजवानों का स्किल डेवलपमेंट हो, रोजगार मिले, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में ट्रांसफोर्मेशन के लिए खेत, खलिहान, पशुपालन व जलाशयों के पुनरूद्धार को प्रमुखता देने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ही क्वालिटी शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार का प्रयास भी किया जाएगा।