लखनऊ: प्रदेश में संगीत और कला के विकास के साथ ही संगीत में विशेष रूचि रखने वाले छात्रों को इसे व्यावसायिक रूप में अपनाने तथा सांस्कृति क्रियाकलापों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में स्थित भातखण्डे संगीत सम विश्वविद्यालय लखनऊ का उच्चीकरण, पुनर्निर्माण, अध्यापन, अनुसंधान तथा विस्तारण विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पूर्व में प्रख्यापित अध्यादेश की जगह भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय विधेयक-2022 आज विधानसभा में पेश किया गया।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने यह जानकारी आज यहां देते हुए बताया कि राज्य विधानमण्डल का सत्र नहीं था और इस निर्णय को अमली जामा पहनाने के लिए तुरन्त विधायी कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता थी। इसको दृष्टिगत रखते हुए राज्यपाल महोदया ने 06 जनवरी, 2022 को भातखण्डे राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय अध्यादेश-2022 प्रख्यापित किया था। अब इसे अधिनियम का रूप देने के लिए आज विधानसभा में पेश किया गया।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि उ0प्र0 में संगीत और कला के विकास की अपार सम्भावनायें हैं। शास्त्रीय संगीत और कला में विशेष अभिरूचि रखने वाले छात्र इसे व्यवसाय के रूप में अपनाना चाहते हैं उनके लिए संस्कृति विश्वविद्यालय एक उपयोगी शिक्षण संस्थान साबित होगा। उन्होंने बताया कि कला, संगीत और सांस्कृतिक क्रियाकलापों के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही इसे व्यवसाय के रूप में चयन करने का विद्यार्थियों को विकल्प भी प्राप्त होता है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि कला और संगीत के क्षेत्र में संरचनात्मक सुविधाओं की स्थापना करके नवोदित छात्रों को उत्तम शिक्षा तथा प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने और कला, संस्कृति एवं संबंधित शाखा विषयक पाठ्यक्रमों में आधारभूत शिक्षा के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने के उद्देश्य से युवाओं को इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए भी यह विश्वविद्यालय सहायक होगा। इसको दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने भातखण्डे संगीत सम विश्वविद्यालय लखनऊ का उच्चीकरण एवं पुनर्निर्माण तथा विस्तार करने का निर्णय लिया।