लखनऊ: अयोध्या में होने वाले भव्य और दिव्य दीपोत्सव में ठीक से 20 दिन भी नहीं बचे हैं। दुनिया 11 नवंबर को 21 लाख जगमगाते दीपों की अवलियां देखेगी। यह अद्भुत दृश्य फिर नयनों में बस जाएगा और नया इतिहास रच जाएगा। अपना ही बनाया विश्व रिकार्ड टूटेगा। 24 लाख दीपों की लड़ियां सजाई जाएंगी। दीपों को सजाने से लेकर प्रज्ज्वलित करने की जिम्मेदारी 25 हजार लोग निभायेंगे। इसमें डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के कैंपस और संबद्ध महाविद्यालयों, इंटर कालेजों के छात्र-छात्राएं, अध्यापक और कुछ स्वयंसेवी संगठनों के सदस्य भी रहेंगे। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने दी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में दीपावली को दीप पर्व के रूप में मनाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। प्रदेश सरकार इसे दीपोत्सव के माध्यम से फिर से प्रतिष्ठित कर संपूर्ण संसार को अयोध्याधाम की महिमा से परिचित कराने का कार्य कर रही है। दीपों की लड़ियां सजाने से लेकर प्रज्ज्वलित करने की जिम्मेदारी डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या की है। विश्वविद्यालय परिसर और संबद्ध महाविद्यालय के हजारों छात्र इस बड़ी जिम्मेदारी में रहते है। पिछले वर्ष 21 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं व अध्यापकों ने पूरे दीपोत्सव को दिव्यता और भव्यता प्रदान की थी। यह संख्या इस बार 25 हजार होगी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि दीपोत्सव में पहले डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय परिसर और संबद्ध महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं ही हिस्सा लेते थे। इस वर्ष इंटर कालेज के छात्र भी रहेंगे। इंटर कालेजों के चार हजार छात्र-छात्राएं शामिल किए जाएंगे। दीपक बिछाने के करीब एक सप्ताह पहले घाट समन्वयक, ग्रुप लीडर को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए जाएंगे। स्वयंसेवकों को आईकार्ड जारी किया जाएगा। खास बात यह है कि इस बार इसमें क्यूआर कोड लगा रहेगा। श्री जयवीर सिंह ने बताया कि दीपोत्सव में इस वर्ष 21 लाख दीप प्रज्ज्वलित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 24 लाख दीये सजाए जाएंगे। इस वर्ष फिर हम कीर्तिमान रचने की तैयारी कर रहे हैं।