लखनऊ: वर्ष 2014-15 में पी.एफ.एम.एस. साफ्टवेअर में आई तकनीकी खराबी से ट्रांजेक्शन रिजेक्ट हो जाने के कारण अल्पसंख्यक समुदाय के दशमोत्तर कक्षाओं में पढ़ रहे जिन छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी थी उन्हें छात्रवृत्ति देने के लिये उत्तर प्रदेश शासन ने इस वित्तीय वर्ष में तीस करोड़ रुपये की धनराशि निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण को उपलब्ध करायी है।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस कार्य के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट में तीस करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया था जिसे अनुपूरक मांग के माध्यम से निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण को उपलब्ध कराया गया है।
अल्पसंख्यक समुदाय के दशमोत्तर कक्षाओं में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को वर्ष 2015-16 में छात्रवृत्ति देने के लिये वर्तमान वित्तीय वर्ष में आयोजनेत्तर पक्ष में 73.89 करोड़ रुपये की धनराशि तथा आयोजनागत पक्ष में 60 करोड़ रुपये, कुल 133.89 करोड़ रुपये निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण को शासन ने उपलब्ध कराये हंै।
इस संबंध में जारी शासनादेश में कहा गया है कि छात्रवृत्ति की यह धनराशि संबंधित छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में कोषागार के माध्यम से अंतरित की जायेगी। यह भी निर्देश दिये गये हैं कि जिन विद्यालयों/मदरसों के संबंध में छात्रवृत्ति की धनराशि में गड़बड़ी किये जाने की शिकायतें आई हैं उन मामलों में छात्र-छात्राओं का सत्यापन कराने के बाद ही छात्रवृत्ति अंतरित की जाये। इसके बाद भी यदि गड़बड़ी की शिकायत आती है तो संबंधित अधिकारी इसके लिये उत्तरदायी होगा।