नई दिल्ली: भारतीय नौ सेना के लिए आज तीन फॉलो-ऑन वाटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट का जलावतरण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लि. (जीआरएसई) कोलकाता में नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल पी मुरुगेसन, ए वी एस एम, वी एस एम की धर्मपत्नी श्रीमती मेधा मुरुगेसन ने किया।परंपरा के अनुसार अर्थववेद का मंगलाचरण किया गया और श्रीमती मेधा मुरुगेसन ने तीनों जहाजों पर कुमकुम लगाया। इन जहाजों के नाम आईएनएस तरमुगली, आईएनएस तिलंचांग और आईएनएस तिहायू हैं। उन्होंने तीनों जहाजों के लिए सौभाग्य की कामना की और उनका जलावतरण किया। तीनों जहाजों के नाम अंडमान निकोबार और बंगाल की खाड़ी में स्थित मनोरम स्थानों पर आधारित हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नौ सेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल पी मुरुगेसन ने कहा कि भारतीय नौ सेना युद्ध पोतों के देश में निर्माण के अभियान की पथ प्रदर्शक है और ‘मेक इन इंडिया’ के राष्ट्रीय लक्ष्य को आगे बढ़ाने में जीआरएसई एक विश्वसनीय भागीदार की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने नौ सेना के आधुनिक तकनीक से युक्त युद्ध पोतों की बढ़ती हुई जरूरतों को पूरा करने के लिए जीआरएसई की पूरी टीम को उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए बधाई दी।
इन फॉलो-ऑन वाटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट में नवीनतम 4000 सिरीज़ के एमटीयू इंजन लगे हैं और उन्नत मशीनरी नियंत्रण प्रणाली और वाटर जेट से ये अधिकतम 35 नॉट की गति प्राप्त कर सकते हैं। इन क्राफ्टों में नवीनतम संचार उपकरण और रडार लगे हैं जिनसे प्रभावी निगरानी की जा सकेगी। ये क्राफ्ट 280 किलोवाट की उच्च विद्युत क्षमता से युक्त हैं। देश में निर्मित सीआरएन 91 गन जो ऑप्ट्रॉनिक पेडस्टल से युक्त है पेट्रोलिंग की मूल जिम्मेदारी प्रभावी ढंग से निभाने के लिए इन्हें अपेक्षित फायर करने की क्षमता प्रदान करती है। इनमें से दो जहाजों की इस वर्ष भारतीय नौ सेना को मिलने की उम्मीद है।