नई दिल्ली: आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद नाइक ने कहा है कि वर्तमान सरकार के 100 दिनों के अंदर राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में तीन नए आयुष अस्पतालों का निर्माण किया गया है और 306 आयुष अस्पतालों का उन्नयन किया गया है। 11,980 अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की जा रही है। इससे 2.9 करोड़ मरीजों को लाभ होगा। आयुष केंद्रों के निकट स्थित 2853 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को दवाओं व अन्य सुविधाओं की समय-सीमा में विस्तार दिया गया है। इससे 64.6 लाभ मरीज लाभान्वित होंगे। श्री नाइक वर्तमान सरकार के 100 दिनों के दौरान आयुष मंत्रालय की उपलब्धियों पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे। आयुष विभाग के सचिव श्री राजन वैद्य कटोच व मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
श्री नाइक ने कहा कि आयुष प्रक्रियाओँ के लिए मंत्रालय बीमा के विस्तार पर विचार कर रहा है। 19 आयुष पैकेजों को पीएम – जीएवाई में शामिल करने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा चुका है। अन्य आयुष चिकित्सा सेवाओं के लिए भी बीमा को विस्तार देने संबंधी दिशा-निर्देशों को भी अंतिम रूप दिया जा चुका है।
आयुष मंत्री ने कहा कि 2019-20 के दौरान आयुष्मान भारत योजना के तहत 4200 आयुष स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों को संचालित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्यों द्वारा दिए गए प्रस्तावों की जांच के बाद 1754 स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों को मंजूरी दी जा चुकी है तथा 1037 स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों के लिए धनराशि जारी की जा चुकी है।
श्री नाइक ने कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को 325 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है। औषधीय पौधों की खेती करने से संबंधित 17 राज्यों के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। 6500 हेक्टेयर क्षेत्र में 36 करोड़ रुपये की लागत से औषधीय पौधों की खेती की जाएगी। इससे 3000 किसानों को लाभ मिलेगा। राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर, 2019 से अगले एक साल तक 150 मेगा प्राकृतिक चिकित्सा शिविर आयोजित किए जाएंगे।
आयुष मंत्री ने कहा है कि बिम्सटेक के सदस्य देश भारत में बिम्सटेक आयुर्वेद और पारंपरिक औषधि विश्वविद्यालय की संयुक्त रूप से स्थापना करने पर सहमत हुए हैं। औषधि की पारंपरिक प्रणाली तथा होम्योपैथिक के क्षेत्र में भारत ने गाम्बिया और गिनी के साथ समझौते किए हैं। भारत और चीन ने 12 अगस्त, 2019 को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
अगले दो वर्षों के लिए आयुष प्रणाली में अनुसंधान के लिए 490 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की गई है। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) विषय पर आयुर्वेद हस्तक्षेप पर अनुसंधान किया जा रहा है। अनुसंधान कार्यक्रम में 10,000 गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया है।
श्री नाइक ने कहा कि केंद्रीय आयुर्वेद, युनानी और सिद्धा अनुसंधान परिषदों ने 110 सूत्रीकरण तथा 60 रोग-स्थितियों की निदान संबंधी सुरक्षित होने की पुष्टि की है। मंत्रालय के अंतर्गत 10 राष्ट्रीय संस्थान नए कीर्तिमान बना रहे हैं। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के उन्नयन का कार्य जारी है और इसके दूसरे कैंपस के लिए 1.37 एकड़ भूमि के अधिग्रहण को अंतिम रूप दिया जा चुका है।