26 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

‘उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के माध्यम से राज्य सरकार ने ऐसे निराश्रित बच्चों की अंगुली पकड़कर अभिभावक बनने का कार्य किया

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल जी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां लोक भवन में ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होंने योजना से लाभान्वित 4,050 निराश्रित बच्चों को 4,000 रुपये प्रतिमाह की दर से प्रत्येक बच्चे के खाते में 03 माह की धनराशि 12,000 रुपये, कुल 486 लाख रुपये बटन दबाकर ट्रांसफर किये। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल जी एवं मुख्यमंत्री जी ने 10 बच्चों को प्रतीकात्मक रूप से योजना का स्वीकृति पत्र, स्कूल बैग, चाॅकलेट, लंच बाॅक्स, स्टेशनरी वितरित की। इनमंे से 02 बच्चों को टैबलेट भी प्रदान किया गया। राज्यपाल जी द्वारा ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के ‘लोगो’ का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 के संक्रमण के कारण अपने माता, पिता अथवा अभिभावकों को खोने वाले निराश्रित बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा एवं सुरक्षा के लिए ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ का आज शुभारम्भ किया है। इस तरह की योजना लागू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को इसके लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस योजना को बनाकर भारत सरकार को भेजा था। केन्द्र सरकार ने पूरे देश में इस तरह की स्कीम लागू करने के लिए कहा है।
राज्यपाल जी ने कहा कि विगत लगभग डेढ़ साल से भारत सहित पूरा विश्व कोरोना महामारी से प्रभावित है। इस दौरान बहुत से बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया है। ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के माध्यम से राज्य सरकार ने ऐसे निराश्रित बच्चों की अंगुली पकड़कर अभिभावक बनने का कार्य किया है। योजना के अन्तर्गत निराश्रित बच्चों की शिक्षा, सुविधा, स्वास्थ्य, भविष्य की शिक्षा आदि के सम्बन्ध में प्राविधान किये गये हैं।
राज्यपाल जी ने योजनान्तर्गत विवाह योग्य बालिकाओं की शादी के लिए 01 लाख 01 हजार रुपये की व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि सामान्यतः बच्चियों के वयस्क होते ही उनके विवाह की बात सोची जाती है। उन्हांेने कहा कि विभिन्न सेवाओं में जाकर कैरियर बनाने की इच्छुक बालिकाओं को इसका अवसर मिलना चाहिए। इस सम्बन्ध में उनके मार्गदर्शन की व्यवस्था भी की जानी चाहिए। राज्य सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से बालिकाओं के विवाह सम्पन्न कराने में योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह एक अच्छी योजना है। ऐसी योजनाएं दहेज की कुप्रथा को समाप्त करने में सहायक हैं।
राज्यपाल जी ने कहा कि सरकार की जन सरोकारांे के प्रति प्रतिबद्धता आवश्यक है। यह सरकार का दायित्व भी है। जन सरोकारों की पूर्ति में जनभागीदारी एवं जनसहयोग के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने इसे एक सुदृढ़ समाज के निर्माण के लिए जरुरी बताया। उन्होंने कहा कि समाज को भी सरकार के प्रयासों को आगे बढ़ाने में सहयोग करना चाहिए। कोविड-19 के कारण निराश्रित हुए बच्चों के पुनर्वास में समाज का सहयोग बच्चों को पारिवारिक वातावरण उपलब्ध करा सकता है, जो उनके विकास में सहायक एवं उपयोगी होगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आज ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ का शुभारम्भ किया गया है। यह योजना कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता अथवा विधिक अभिभावक को खो देने वाले बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए प्रारम्भ की गयी है। उन्होंने कहा कि जन सरोकारों के प्रति संवेदनशील सरकार की संवेदना दिखाई भी देनी चाहिए। यह संवेदना ही शासन एवं जनता को एक-दूसरे से जोड़ती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐसे बच्चे जिनके माता व पिता दोनों या माता अथवा पिता में से किसी एक या विधिक अभिभावक की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से हो गयी है, ऐसे बच्चों को ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के अन्तर्गत 4,000 रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जाएगी। साथ ही, 11 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों को कक्षा 12 तक की निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था अटल आवासीय अथवा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में करायी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी 18 मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालयांे की स्थापना करायी जा रही है। प्रदेश में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय पहले से संचालित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि योजना के तहत कक्षा-09 एवं इससे ऊपर की कक्षाओं में पढ़ने वाले अथवा व्यावसायिक शिक्षा का कोई कोर्स करने वाले 18 वर्ष आयु तक के बच्चों को टैबलेट या लैपटाॅप दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। साथ ही, जो बालिकाएं विवाह योग्य होंगी, उनकी शादी के लिए 01 लाख 01 हजार रुपये की धनराशि का प्राविधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक 240 ऐसे बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिनके माता व पिता दोनों की मृत्यु मार्च, 2020 के पश्चात कोविड-19 से हुई है। इसी प्रकार 3,810 बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने मार्च, 2020 के बाद कोविड-19 के संक्रमण से अपनी माता या पिता अथवा अभिभावक को खोया है। ऐसे 4,050 बच्चों के खातों में 4,000 रुपये प्रतिमाह की दर से 03 माह की आर्थिक सहायता धनराशि कुल 12,000 रुपये आज राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी द्वारा ट्रांसफर किये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सभी राज्य सरकारों को कोविड-19 से अपने माता-पिता अथवा संरक्षक को खोने वाले निराश्रित बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए योजना संचालित करने के लिए कहा था, इसी क्रम में यह योजना प्रारम्भ की गयी है। भारत सरकार द्वारा भी कोविड से प्रभावित बच्चों के सहयोग एवं सशक्तीकरण के लिए ‘पी0एम0 केयर्स फाॅर चिल्ड्रेन’ योजना की घोषणा की गयी है। इस योजना के दिशा-निर्देश प्राप्त होने पर इसका लाभ बच्चांे को दिलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि कोविड संक्रमण के अलावा नाॅन कोविड से अपने माता, पिता अथवा अभिभावक को खोने वाले बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा एवं सुरक्षा की व्यवस्था की जाए, जिससे अपने अभिभावकों को खोने वाला कोई भी बच्चा निराश्रित न महसूस करे। महिला एवं बाल विकास विभाग को इसके लिए सूची बनाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा निराश्रित महिलाओं के कल्याण के लिए पहले से ही विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। मार्च, 2020 के बाद कोविड-19 के कारण निराश्रित हुई महिलाओं के लिए नई योजना तैयार कर, इन निराश्रित महिलाओं को शासन की विभिन्न योजनाआंे से आच्छादित किये जाने के निर्देश भी महिला एवं बाल विकास विभाग को दिए गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 16-17 महीनों से देश ही नहीं पूरा विश्व कोविड-19 के प्रकोप से प्रभावित है। यह इस सदी की सबसे बड़ी महामारी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरा देश इस महामारी का पूरी प्रतिबद्धता के साथ मुकाबला कर रहा है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में देश में प्रभावी कोविड प्रबन्धन हुआ है, इसके बावजूद अनेक लोगों को अपने प्रियजनों को खोना पड़ा है। विकसित देश अमेरिका की आबादी हमारे देश की एक चैथाई है। इसके बावजूद अमेरिका में भारत के मुकाबले डेढ़ गुना से अधिक लोगों की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के माध्यम से लोगों को मुफ्त राशन, निःशुल्क रसोई गैस सिलेण्डर, जनधन खाते में आर्थिक सहायता धनराशि, किसान सम्मान निधि के तहत धनराशि उपलब्ध करायी गयी। आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने के साथ ही एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को विभिन्न रियायतें दी गयी। प्रदेश सरकार द्वारा भी गरीबों को भरण-पोषण भत्ता तथा प्रवासी श्रमिकों की ससम्मान वापसी सुनिश्चित की गयी। दूसरी लहर के दौरान केन्द्र सरकार द्वारा पी0एम0 गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत माह मई से नवम्बर तक निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश सरकार अपने संसाधनों से जून, जुलाई, अगस्त माह के लिए जरुरतमन्द लोगों को राशन उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में जब कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला प्रकाश में आया था, तब सैम्पल को जांच के लिए एन0आई0वी0 पुणे भेजा गया था। वर्तमान में प्रदेश मंे प्रतिदिन लगभग 04 लाख कोरोना टेस्ट किये जाने की क्षमता है। बड़ी संख्या में लैब्स की स्थापना की गयी है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में डेढ़ लाख बेड उपलब्ध हैं, जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महामारी में लापरवाही घातक सिद्ध हो सकती है, इसलिए संक्रमण से बचाव ही सर्वाेत्तम उपाय है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि कोविड-19 से अपने माता, पिता अथवा अभिभावक को खोने वाला कोई भी बच्चा अनाथ नहीं महसूस करेगा। राज्य सरकार द्वारा निराश्रित बच्चों के भरण-पोषण एवं सुरक्षा के लिए पहले से ही व्यापक व्यवस्था बनायी गयी है। ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के तहत कोविड-19 के संक्रमण से निराश्रित होने वाले बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने का प्रयास किया गया है।
कार्यक्रम के अन्त में प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती वी0 हेकाली झिमोमी ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, उ0प्र0 राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विमला बाथम, उ0प्र0 बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डाॅ0 विशेष गुप्ता, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती एस0 राधा चैहान, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा यूनीसेफ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More