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कोविड-19 की कोई कारगर दवा अथवा वैक्सीन विकसित होने तक अधिक से अधिक टेस्टिंग ही इसके विरुद्ध सबसे बड़ा हथियार: सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सरकारी आवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य में स्थापित 13 नयी बायोसेफ्टी सेकेण्ड जेनरेशन (बी0एस0एल0-2) प्रयोगशालाओं का लोकार्पण किया। इनमें से 10 प्रयोगशालाएं प्रदेश के विभिन्न राजकीय मेडिकल काॅलेजों तथा 03 प्रयोगशालाएं निजी मेडिकल काॅलेजों में स्थापित की गई हैं। राजकीय मेडिकल काॅलेजों में स्थापित प्रयोगशालाएं-जनपद जालौन, आजमगढ़, अम्बेडकरनगर, सहारनपुर, बस्ती बहराइच, फिरोजाबाद, अयोध्या, बांदा तथा बदांयू के मेडिकल काॅलेजों में तथा निजी मेडिकल काॅलेजों में स्थापित लैब्स-जी0एस0 मेडिकल काॅलेज हापुड़, मेयो इन्स्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज, बाराबंकी तथा तीर्थांकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के मेडिकल काॅलेज में स्थापित की गई हैं। इन प्रयोगशालाओं द्वारा निरन्तर कार्य करते हुए प्रतिदिन लगभग 05 हजार टेस्ट सम्पन्न किए जा सकेंगे।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने जनपद अयोध्या, बस्ती, बांदा, सहारनपुर, आजमगढ़ के मेडिकल काॅलेजों तथा जनपद मुरादाबाद में निजी क्षेत्र में स्थापित तीर्थांकर महावीर यूनिवर्सिटी में स्थापित प्रयोगशालाओं के प्रतिनिधियों से संवाद किया। उन्होंने प्रयोगशालाओं में प्रशिक्षित व कुशल मैनपावर की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रयोगशालाओं में जितने कुशल और प्रशिक्षित टेक्नीशियन कार्य करेंगे, कोविड-19 के विरुद्ध संघर्ष उतना ही प्रभावी और सफल होगा। उन्होंने कहा कि प्रयोगशालाओं द्वारा लगातार कार्य करके अधिक से अधिक टेस्ट पूरी पारदर्शिता व गुणवत्तापूर्ण ढंग से सम्पन्न किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने अनन्त चतुर्दशी के पावन पर्व पर 13 बी0एस0एल0-2 प्रयोगशालाओं के शुभारम्भ की प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि कोविड-19 एक वैश्विक महामारी है। उनके द्वारा कहा गया कि जब तक कोविड-19 की कोई कारगर दवा अथवा वैक्सीन विकसित नहीं हो जाती, तब तक अधिक से अधिक टेस्टिंग ही इसके विरुद्ध सबसे बड़ा हथियार है। टेस्टिंग के माध्यम से कोविड-19 की चेन को नियंत्रित करके व्यापक पैमाने पर जीवन रक्षा की जा सकती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए इससे 05 श्रेणियों के लोगों-अधिक उम्र, कोमाॅर्बिडिटी, कम इम्युनिटी, गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ शेष लोगों में संक्रमण की स्थिति में समुचित उपचार उपलब्ध कराने की जरूरत है। इससे कोविड-19 से होने वाली जनहानि पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि उनके द्वारा सही समय पर निर्णय लेने से 135 करोड़ आबादी के बावजूद भारत कई विकसित देशों के मुकाबले सुरक्षित स्थिति में है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप के शुरुआत के बाद से 04 लाॅकडाउन तथा 03 अनलाॅक की गतिविधियां सम्पन्न हो चुकी हैं। कल 01 सितम्बर, 2020 से अनलाॅक का चैथा चरण लागू होगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के लक्षणरहित मामलों की संख्या अधिकतम होने के कारण अब चुनौती अधिक है। इसलिए सर्विलांस, डोर-टू-डोर सर्वे, अधिक से अधिक टेस्टिंग की आवश्यकता है। इस व्यवस्था को जितना सुदृढ़ किया जाएगा, कोविड-19 के विरुद्ध उतनी अधिक सफलता प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा लागू लाॅकडाउन के दौरान प्रदेश में कोरोना वायरस की जांच हेतु के0जी0एम0यू0, लखनऊ में स्थापित मात्र एक माइक्रोबायलाॅजी लैब ही समर्थ थी। 23 मार्च, 2020 को इस लैब द्वारा 72 टेस्ट किए गए। निरन्तर प्रयास से वर्तमान में डेढ़ लाख टेस्ट प्रतिदिन किए जा रहे हैं। इसमें आर0टी0पी0सी0आर0 से लगभग 45 हजार, ट्रूनेट मशीनों से लगभग 03 हजार तथा शेष रैपिड एन्टीजन टेस्ट किए जा रहे हैं। प्रारम्भ में जहां प्रदेश में देश में होने वाले कुल टेस्ट का 05 प्रतिशत टेस्ट किया जा रहा था, वहीं वर्तमान में यह 15 प्रतिशत हो गया है। अब प्रदेश में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 24 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं, जो एक बड़ी प्रगति है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 के विरुद्ध संगठित ढंग से कार्य किया है। प्रधानमंत्री जी ने प्रत्येक जनपद में लैब बनाए जाने की बात कही थी। राज्य सरकार ने पहले चरण में सभी पुराने मेडिकल काॅलेजों में एक-एक प्रयोगशाला स्थापित करायी। आज 10 अन्य राजकीय मेडिकल काॅलेजों में प्रयोगशालाएं स्थापित हो गई हैं। इसी प्रकार सभी मण्डल मुख्यालयों में लैब स्थापना का कार्य सम्पन्न हो गया है। अब प्रत्येक जनपद में आर0टी0पी0सी0आर0 की बी0एस0एल0-2 प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। यह प्रयोगशालाएं कोविड-19 सहित सभी वेक्टर जनित रोगों से लड़ने में सहायक हांेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्वांचल के गोरखपुर तथा आसपास के जनपदों में इंसेफेलाइटिस, वाराणसी के आसपास कालाजार, बरेली-बदायूं के आसपास मलेरिया, सहारनपुर के आसपास के क्षेत्रों में चिकनगुनिया के मामले सामने आते हैं। यह प्रयोगशालाएं इन सभी क्षेत्रों में इन रोगों के विरुद्ध प्रभावी नियंत्रण में भी कारगर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निरन्तर प्रयास से वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2020 में वेक्टर जनित रोगों से होने वाली मृत्यु में 95 प्रतिशत की कमी आयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को कोविड-19 के सम्बन्ध में हर सम्भव बचाव व उपचार की सुविधा सुलभ कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए निरन्तर कार्य किया जा रहा है। निकट भविष्य में प्रदेश के राजकीय क्षेत्र में 03 बी0एस0एल0-03 लैब-मेडिकल काॅलेज शाहजहांपुर, जी0आई0एम0एस0 ग्रेटर नोएडा तथा एस0एस0पी0एच0 नोएडा स्थापित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त, राजकीय मेडिकल काॅलेज कन्नौज एवं गोरखपुर में भी बी0एस0एल0-03 लैब की सुविधा का विस्तारीकरण किया जा रहा है। एम0एल0एन0 मेडिकल काॅलेज प्रयागराज में नवीन तकनीक की 01 कोबास मशीन मशीन की स्थापना की कार्यवाही प्रचलित है। प्रयास है कि सितम्बर, 2020 के प्रथम सप्ताह में स्थापित कर क्रियाशील कर दिया जाए।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में कोविड-19 को पराजित करने के लिए पूरी शक्ति और मनोयोग से कार्य किया गया है। इसके परिणामस्वरूप राज्य में पाॅजिटिविटी रेट और मृत्यु दर बहुत कम है। टेस्टिंग में उल्लेखनीय कार्य हुआ है।
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में प्रतिदिन डेढ़ लाख टेस्ट किए जा रहे हैं। अब तक 55 लाख टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं। टेस्टिंग की संख्या 24 हजार प्रति मिलियन प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। वर्तमान में राज्य में 200 से अधिक कोविड प्रयोगशालाएं संचालित हैं। आज प्रारम्भ हो रही 13 नयी प्रयोगशालाओं में निरन्तर कार्य करके लगभग 05 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जा सकेंगे। नयी प्रयोगशालाओं में कल से ही टेस्ट प्रारम्भ हो जाएंगे।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, निदेशक सूचना श्री शिशिर, के0जी0एम0यू0 के उप कुलपति ले0 जनरल (डाॅ0) बिपिन पुरी, एस0जी0पी0जी0आई0 के निदेशक प्रो0 आर0के0 धीमान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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