काशीपुर: जन्मदिन के दिन दुनिया को अलविदा कह गए एन.डी. तिवारी ने देश की आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था। उनको जेल भी जाना पड़ा था।
पिता के नक्शेकदम पर चलकर ब्रिटिश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर 14 दिसंबर, 1942 को अंग्रेज फौज ने एनडी तिवारी को गिरफतार किया था। करीब 15 महीने बाद 1944 में जेल से रिहा किया गया था।
उसके बाद उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और 1946 में वहां के छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए। उनको 1945 में ऑल इंडिया स्टूडेंट कांग्रेस का सचिव भी मनोनीत किया गया था।