नई दिल्ली: भारत सरकार करघों की खरीद के लिए तंगलिया बुनकरों को सहायता प्रदान करेगी। इसके अंतर्गत करघों की कुल कीमत की 90 प्रतिशत राशि सरकार सहायता के रूप में देगी। कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति जुबीन इरानी ने गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में तंगलिया बुनकरों के साथ बातचीत करते हुए यह घोषणा की। बुनकरों की बातें सुनने के बाद मंत्री महोदया ने यह घोषणा भी की कि तंगलिया बुनकरों का एक विशेष संघ बनाया जाएगा, जो उनके हित के लिए काम करेगा। तंगलिया कढ़ाई की प्रशंसा करते हुए श्रीमती इरानी ने कहा कि बुनकरों की सामग्री को बेचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि इस संबंध में उचित व्यवस्था की जाए। मंत्री महोदया ने फैशन डिजाइनरों से अपील की कि वे अपने वस्त्रों में तंगलिया कला का इस्तेमाल करें। उन्होंने बुनकरों से कहा कि वे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का लाभ उठाएं।
श्रीमती इरानी ने अहमदाबाद में अहमदाबाद वस्त्र उद्योग अनुसंधान संघ (एटीआईआरए) का भी दौरा किया, जहां उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे छोटे और मझौले उद्योगों के लाभ के लिए योजना तैयार करें।
तंगलिया गुजरात के 700 वर्ष पुराने मूल बुनकर हैं, जिनकी विशिष्ट तकनीक है, जिसमें वे कच्चे ऊन के रेशों का इस्तेमाल करते हैं। तंगलिया बुनकरों के बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें।