नई दिल्ली: देश के नागरिकों में राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक जागरूकता पैदा करने के लिए एक ठोस तंत्र स्थापित करते हुए ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ देश की सांस्कृतिक जीवंतता मनाएगा। संस्कृति मंत्रालय ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के माध्यम से प्रधानमंत्री का सपना सच्ची भावना से लागू करने के लिए पूरी सहायता प्रदान करेगा। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पर आज राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए सांस्कृतिक एवं पर्यटन (स्वतंत्र प्रभार) तथा नागर विमानन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने यह बात कही। संस्कृति मंत्रालय ने नीति आयोग के सहयोग से राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन विभिन्न हितधारकों के साथ ध्यान केंद्रित समूह चर्चा की शुरूआत करने के उद्देश्य से किया था।
नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, संस्कृति सचिव श्री एन के सिन्हा, सार्वजनिक नीति अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, संस्कृति मंत्रालय के अपर सचिव श्री के के मित्तल, संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री एम एल श्रीवास्तव और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
विभिन्न मंत्रालयों, भारत सरकार के विभागों, राज्य सरकारों, विभिन्न क्षेत्रीय केंद्रों और अन्य संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस कार्यशाला में भाग लिया। 31 अक्तूबर 2015 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर यह घोषणा की थी कि भारत सरकार का ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ नामक एक नई पहल शुरू करने का प्रस्ताव है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के विभिन्न भागों में विद्यमान सांस्कृतिक संबंध और विभिन्न राज्यों में रहने वाले लोगों के बीच बातचीत को बढ़ावा देना।
सचिव (संस्कृति) श्री एन.के.सिन्हा ने एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के विवरणों, समीक्षा एवं उद्देश्यों, आपसी संपर्क के क्षेत्रों एवं इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक क्रियान्वयन तंत्र पर विस्तार से चर्चा की। एक तकनीकी सत्र में संस्कृति सचिव द्वारा भारत के सांस्कृतिक मानचित्रण पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण पेश किया गया। अपने प्रस्तुतिकरण में उन्होंने एक भारत श्रेष्ठ भारत के साथ भारत के सांस्कृतिक मानचित्रण को जोड़ने के लिए एक विस्तृत रूपरेखा भी साझा की।
विभिन्न राज्यों एवं भारत सरकार के अधिकारियों ने अपने विचारों तथा संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संबंधित विभागों द्वारा उठाए गए कदमों को साझा किया। साथ ही, उन्होंने एक भारत श्रेष्ठ भारत के संदर्भ में अपने विचारों को भी अभिव्यक्त किया।
‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की धारणा पर डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धि द्वारा एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण पेश किया गया। इसके बाद एक भारत श्रेष्ठ भारत के लिए नोडल अधिकारी एवं संस्कृति मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री एम.एल.श्रीवास्तव द्वारा एक स्वागत भाषण दिया गया।
कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने कहा “हमें अपने देश को एक महाशक्ति बनाने के लिए अपनी संस्कृति को एक सॉफ्ट पॉवर के रूप में उपयोग करना चाहिए। हमें अपनी जड़ों, पारंपरिक तकनीकों एवं पारंपरिक कला रूपों की खोज करनी चाहिए। हमें पारंपरिक उत्पादों की पहचान करनी चाहिए तथा उन्हें पर्यटन उत्पादों में रूपान्तरित करना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत को प्रौद्योगिकी एवं विभिन्न आधुनिक मीडिया के माध्यम से आगे बढ़ाना चाहिए।