नई दिल्ली: मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां 95 प्रतिशत वित्तीय लेन-देन कैशलेस ट्रांजेक्शन के जरिए हो रहा है। यह बात मध्य प्रदेश के भोपाल शहर के बिट्ठन मार्केट स्थित दशहरा मैदान में गुरुवार को आयोजित डिजि- धन मेले को संबोधित करते हुए केंद्रीय रसायन व उर्वरक एवं संसदीय कार्यमंत्री श्री अनंत कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि अगर आप अपने पूरे पैसे का, मेहनत का और खून-पसीने की कमाई का पूरा लाभ एवं मूल्य पाना चाहते हैं, तो कैशलेस ट्रांजेक्शन को अपनाइए और बढ़ावा दीजिए। उन्होंने कहा कि अगर जनता के पक्ष में शासन करना है, तो सोच बदलनी होगी और सोच बदलने का नया सिलसिला केंद्र की वर्तमान मोदी सरकार ने किया है।
श्री अनंत कुमार ने डिजि- धन मेले के इस अवसर पर कहा कि देश में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना के तहत 3 हजार जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले एक महीने के भीतर मध्य प्रदेश में 200 जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। श्री अनंत कुमार ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को देश का पहला कैशलेस मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उन्होंने पिछले 11-12 सालों के अपने शासन काल में प्रदेश को बीमारू प्रदेश से सुचारू प्रदेश बना दिया है।
मेले को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में डिजि- धन मेले का आयोजन किया जा रहा है ताकि पूरे देश में कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि देश के गरीब एवं आम आदमी ने केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले का सहर्ष स्वीकार किया है और अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि कैशलेस ट्रांजेक्शन के तकनीकी आधार को आम आदमी को समझना होगा ताकि वे इसका उपयोग आसानी से अधिक से अधिक मात्रा में कर सकें।
मेले को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया और कैशलेस ट्रांजेक्शन के फायदे को लोगों को समझाया। उन्होंने कहा कि कैशलेस ट्रांजेक्शन से भ्रष्टाचार पर लगाम तो लगेगी ही, साथ ही वित्तीय अनुशासन भी बनेगा। उन्होंने कहा कि इसके जरिए बकायदा टैक्स सरकारी खजाने में आएगा। इस अवसर पर कैशलेस ट्रांजेक्शन के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाली संस्थाओं को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार के विभिन्न मंत्री भी उपस्थित थे।
कैशलेस लेन-देन की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने और इस संबंध में जन-सामान्य में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित इस डिजि- धन मेले में उपभोक्ताओं के लिए संचालित लकी ग्राहक योजना और व्यापारियों के लिए संचालित डिजि-धन व्यापार योजना के ड्रॉ भी निकाले गए। मेले में आम नागरिकों को कैशलेस लेन-देन और इसके लिए रुपे कार्ड, यूएसएसडी, यूपीआई आदि के उपयोग की प्रक्रियाओं के संबंध में जानकारी देने के लिए भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया समेत तमाम बैंकों ने अपने स्टॉल लगाए थे। इन बैंकों ने अपने विभिन्न स्टॉल्स के जरिए लोगों को जानकारियां दीं। मेले में आए लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेले में आने से कैशलेस ट्रांजेक्शन की बारीकियों को समझने में काफी सहूलियत मिली है और हमें इसका काफी फायदा हुआ है।
डिजि-धन मेले में ई-गवर्नेंस, लोक सेवा केंद्र की गतिविधियों, ई-वॉलेट और मोबाइल वॉलेट के बारे में भी विभिन्न बैंक पदाधिकारियों ने जानकारियां दीं। इसके साथ ही बैंकों द्वारा व्यापारियों के लिए पीओएस मशीन के पंजीयन तथा उनकी बिक्री, बैंक खाता खोलने, डेबिट कार्ड के लिए पंजीयन तथा उसके वितरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई। मेले में आधार पंजीयन, आधार नंबर को खाते से लिंक करवाने तथा आधार में संशोधन की सुविधा भी थी।