नई दिल्ली: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो द्वारा रोजगार-बेरोजगारी पर कराए गए श्रम बल सर्वेक्षणों के निष्कर्षों के अनुसार, देश में सामान्य स्थिति के आधार पर 15 साल एवं उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए अनुमानित बेरोजगारी दर वर्ष 2011-12, 2012-13, 2013-14 और 2015-16 में क्रमश: 3.3, 4.0, 3.4 और 3.7 प्रतिशत आंकी गई।
सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्राइवेट लिमिटेड (सीएमआईई) के अनुसार, जुलाई 2017 से लेकर जून, 2018 तक की अवधि के दौरान बेरोजगारी दर 3.39 प्रतिशत से लेकर 5.67 प्रतिशत की रेंज में रही।
रोजगार सृजन और रोजगार क्षमता बेहतर करना सरकार की प्राथमिक चिंता रही है। सरकार इस दिशा में विभिन्न कार्यक्रमों को क्रियान्वित कर रही है जिनमें अर्थव्यवस्था के निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करना, व्यापक निवेश वाली विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन की गति तेज करना और विभिन्न योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना और दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन पर सार्वजनिक व्यय बढ़ाना शामिल हैं।
युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए लगभग 22 मंत्रालय/विभाग विभिन्न क्षेत्रों (सेक्टर) में कौशल विकास योजनाओं का संचालन करते हैं। स्व-रोजगार को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार द्वारा मुद्रा और स्टार्ट-अप्स योजनाएं शुरू की गई हैं।
इस आशय की जानकारी केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार ने आज लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।