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शिक्षा की गुणवत्ता संवर्द्धन हेतु इस प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर विद्यालय स्तर पर आयोजित किए जाएं: संदीप सिंह

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षकों द्वारा इस प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चों को विभिन्न विषयों, कला और संगीत में निपुण बनाने के लिए बेहतर प्रयास किया जा रहा है। कला एवं संगीत के माध्यम से बच्चों की सृजनात्मक क्षमता के विकास एवं विद्यालय के वातावरण को रूचिकर बनाने हेतु प्रेरित किया गया, जिससे बच्चे सहज रूप से सीख सकें।
यह बातें श्री सिंह ने आज राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों हेतु कला एवं संगीत संदर्भदाता प्रशिक्षण कार्यक्रम 14 से 17 दिसम्बर, 2022 तक लखनऊ स्थित उद्यमिता विकास संस्थान, सरोजनीनगर में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसाओं में कला एवं संगीत के जीवन से जुड़ाव पर बल दिया और इसके माध्यम से विद्यालय में आनन्ददायी वातावरण के सृजन की बात कही।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सिंह ने प्रतिभागी शिक्षकों द्वारा तैयार किये गये भारत की विभिन्न लोक कलाओं आदि पर आधारित पोस्टर, माटी कला की सामग्री, क्राफ्ट आदि का अवलोकन किया तथा इसकी सराहना की। एस0सी0ई0आर0टी0 के इस अभिनव प्रयोग हेतु मंत्री जी द्वारा डॉ0 अंजना गोयल, निदेशक, एस0सी0ई0आर0टी0 और उनकी टीम की सराहना की गयी। उन्होंने यह भी कहा कि विशेष अभियान के रूप में सभी डायट्स में आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है, जिससे डायट्स बेहतर तरीके से प्रशिक्षण संचालित कर सकें। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता संवर्द्धन हेतु इस प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर विद्यालय स्तर पर आयोजित करने की बात कही।
इस अवसर पर ‘जीवन कौशल दर्पण’ प्रशिक्षण मॉड्यूल का विमोचन कराया गया। उन्होंने कहा कि जीवन कौशल का विकास वर्तमान समय की महती आवश्यकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी जीवन कौशलों के विकास पर विशेष जोर देने की बात कहती है। इस मॉड्यूल में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चिन्हित 10 जीवन कौशलों (समस्या समाधान, समालोचनात्मक चिंतन, सम्प्रेषण कौशल, निर्णय लेना, सृजनात्मक चिंतन, पारस्परिक सम्बन्ध कौशल, स्व-जागरूकता, चिंतन एवं समानुभूति, तनाव प्रबन्धन, भावना प्रबन्धन) के विकास हेतु विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का समावेश किया गया है। यह मॉड्यूल शिक्षकों तथा उनके माध्यम से बच्चों में अपेक्षित जीवन कौशलों का विकास करने में सहायक होगा।  इस माड्यूल के आधार पर प्रथम चरण में 28000 शिक्षकों को जीवन कौशल का प्रशिक्षण दिया जायेगा। अग्रेतर चरणबद्ध रुप से शेष शिक्षकों का प्रशिक्षण कराया जायेगा।
मंत्री श्री सिंह ने इस अवसर पर एस0सी0ई0आर0टी0, उ0प्र0, लखनऊ द्वारा पूर्व प्राथमिक शिक्षकों/ आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों के क्षमता संवर्द्धन हेतु विकसित पाठ्यक्रम ‘उदय’ का भी विमोचन किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में पूर्व प्राथमिक शिक्षा पर विशेष बल दिया। भावी शिक्षा की आधारशिला के रुप मे पूर्व प्राथमिक शिक्षा के ढांचे को मजबूत बनाने की बात कही गयी है। इस आधारभूत ढांचे को तैयार करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों/पूर्व प्राथमिक शिक्षकों के क्षमता सवंर्द्धन हेतु पाठ्यक्रम विकास की बात भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कही गयी है। इसके दृष्टिगत इस पाठ्यक्रम में पूर्व प्राथमिक शिक्षा के आयाम, स्वास्थ्य देखभाल एवं बच्चों में पोषण, पूर्व प्राथमिक शिक्षा के मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य, बच्चों में आधारभूत गणितीय/ विश्लेषणात्मक सम्प्रत्ययों का विकास, बच्चों में आधारभूत भाषायी सम्प्रत्ययों का विकास, सीखने-सिखाने की विभिन्न विधियाँ तथा सीखने-सिखाने के वातावरण का सृजन आदि मुख्य विषयों को रखा गया है। यह प्रशिक्षण मॉड्यूल पूर्व प्राथमिक शिक्षकों/आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों को पूर्व प्राथमिक स्तर के बच्चों की शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को प्रभावी बनाने में सहायता प्रदान करेगा।
मंत्री श्री सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में तैयार किये गये जीवन कौशल प्रशिक्षण मॉडयूल एवं उदय मॉड्यूल के विकास हेतु निदेशक, एस0सी0ई0आर0टी0, उ0प्र0, लखनऊ तथा उनकी टीम को बधाई दी। इस अवसर पर डॉ0 अंजना गोयल, निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, उ0प्र0, लखनऊ द्वारा बेसिक शिक्षा मंत्री का स्वागत किया गया तथा इस कार्यक्रम हेतु समय एवं मार्गदर्शन देने के लिए मंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त किया गया। डॉ0 गोयल ने बताया कि इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों द्वारा सरस्वती वन्दना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इस प्रशिक्षण में प्रदेश के विभिन्न जनपदों के लगभग 120 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
इस अवसर पर डॉ0 पवन कुमार सचान, संयुक्त निदेशक (एस0एस0ए0) द्वारा प्रशिक्षण की रूपरेखा प्रस्तुत की गयी तथा डॉ0 आशुतोष दुबे, उप शिक्षा निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, उ0प्र0, लखनऊ द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। श्रीमती दीपा तिवारी, सहायक निदेशक, श्री अजय कुमार गुप्ता, सहायक उप शिक्षा निदेशक, श्रीमती पुष्पा रंजन, सहायक उप शिक्षा निदेशक, (प्रशिक्षण), सुश्री मनीषा शुक्ला, प्रवक्ता (शोध), श्रीमती शिप्रा सिंह, प्रवक्ता (शोध) तथा परिषद के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यक्रम में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती वत्सला पंवार, शोध प्राध्यापक, एस0सी0ई0आर0टी0 द्वारा किया गया।

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