लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने रबी की फसलों के लिए किसानों को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए 15 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक नहरों की सिल्ट सफाई के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि रबी के सीजन में किसानों को भरपूर पानी उपलब्ध कराने के लिए नहरों को पूरी क्षमता से चलाने के लिए सिल्ट सफाई का कार्य जरूरी है। उन्होंने डिसिल्टिंग के लिए अभियान चलाकर 31 हजार किलोमीटर की लम्बाई में माइनरों तथा 14 हजार किलोमीटर की लम्बाई में राजबाहों की सिल्ट सफाई का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा है कि तय की गई सीमा में नहरों की सफाई का कार्य पूरा किया जाना चाहिए। इसमें किसी प्रकार लपरवाही नहीं होनी चाहिए।
डा0 महेन्द्र सिंह आज सिंचाई विभाग के मुख्यालय में राज्यमंत्री जलशक्ति श्री बलदेव सिंह औलख के साथ नहरों की सफाई के लिए अभियान चलाने की रणनीति पर बैठक कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस बार भी पिछले साल की तरह नहरों की शतप्रतिशत सफाई सुनिश्चित कराकर रिकार्ड कायम किया जाए। उन्होंने कहा कि सिल्ट सफाई में पारदर्शिता एवं समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए समस्त क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, सांसदों, विधायकों आदि की सहभागिता सुनिश्चित करायी जाए तथा उनके सुझावों के आधार पर किसानों के हित में नहर सफाई का अभियान चलाया जाए।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि अभियान की शुरूआत जनप्रतिनिधियों से करायी जाए तथा समय-समय पर इस कार्य का निरीक्षण करने के लिए उनसे अनुरोध किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि गुणवत्ता के साथ कार्य पूरा होने के पश्चात संबंधित अभियन्ता जनप्रतिनिधियों से सर्टिफिकेट भी प्राप्त करें। उन्होंने आगे कहा कि अभियान के लिए 186 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल के दौरान बेहतर जल प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए लगातार इस वर्ष भी सिंचित एरिया में बढ़ोत्तरी करने में सफलता प्राप्त हुई है। जहॉ वर्ष 2016-17 में 82.58 लाख हे0 सिंचित क्षेत्र था। इसे बढ़ाकर 93.92 लाख हे0 तक पहुंचा दिया गया है।
डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि इस प्रकार चार वर्षों में ही 11.34 लाख हे0 सिंचित क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई है। राज्य सरकार की इच्छाशक्ति के कारण यह संभव हो पाया है, क्योंकि किसानों की खुशहाली एवं उनकी आय दोगुनी करने का कार्य सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 में 29579 किलोमीटर लम्बाई में सिल्ट की सफाई हो पायी थी। इसके विपरीत अब हर साल 46,000 किलोमीटर से अधिक सिल्ट की सफाई करायी जा रही है। बैठक में उन्होंने अभियन्ताओं से व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करके सिल्ट सफाई करने के बारे में आवश्यक निर्देश दिए। क्षेत्र के समस्त अधिशासी अभियन्ता वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष एवं प्रमुख अभियन्ता श्री वी0के0 निरंजन ने अभियन्ताओं को विस्तार से दिशा-निर्देश दिए।
जलशक्ति राज्यमंत्री श्री बी0एस0 औलख ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि किसी नहर पर क्षेत्र पंचायतें अथवा ग्राम पंचायतें कार्य करना चाहती हों तो विभाग के देखरेख में उन्हें कार्य करने की अनुमति प्रदान करने पर विचार किया जाए। अपर मुख्य सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन श्री टी0 वेंकटेश ने विभागीय अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अधिकारी श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए मा0 मंत्री जी द्वारा दिए गए निर्देशों का शतप्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करें।
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन श्री अनिल गर्ग, प्रमुख अभियन्ता परियोजना श्री मुश्ताक अहमद, प्रमुख अभियन्ता गण, मुख्य अभियन्ता एवं अधीक्षण अभियन्ताओं के अतिरिक्त अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।